नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर रोक लगाने और व्यापारियों के लिए स्टॉक लिमिट तय करने जैसे कदम उठाए जाने के बाद एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडी लासलगांव में प्याज के दाम घटकर 30 रुपए प्रति किलोग्राम से भी नीचे आ गए हैं।
नेशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों के मुताबिक नासिक जिले में स्थित लासलगांव मंडी में मध्य सितंबर के दौरान प्याज का अधिकतम थोक भाव 51 रुपए प्रतिकिलो के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
उल्लेखनीय है कि लासलगांव मंडी के भाव के आधार पर ही पूरे देश में प्याज का भाव तय होता है। यहां प्याज के भाव में आने वाला किसी भी तरह का उतार-चढ़ाव देश के अन्य हिस्सों पर भी असर डालता है।
गुरुवार को लासलगांव एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी में प्याज का औसत थोक मूल्य 26 रुपए प्रति किलोग्राम रहा, जबकि इसका अधिकतम मूल्य 30.20 रुपए प्रति किलोग्राम और न्यूनतम भाव 15 रुपए प्रति किलोग्राम रहा।
दो हफ्ते के भीतर लासलगांव में प्याज की थोक कीमतों में 42 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। दो हफ्ते पहले 19 सितंबर को यहां प्याज का थोक भाव पिछले 4 साल की ऊंचाई 45 रुपए प्रति किलोग्राम था।
महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश की वजह से बने बाढ़ जैसे हालात के चलते अगस्त से ही प्याज के दाम बढ़ना शुरू हो गए थे। खरीफ प्याज की फसल के रकबा में कमी आने की वजह से भी इसकी कीमतों पर दबाव बन गया था।
वर्तमान में रबि फसल की भंडारगृहों में रखी प्याज को बाजारों में बेचा जा रहा है। ताजा खरीफ फसल के नवंबर से बाजार में आने की उम्मीद है। प्याज संवेदनशील रूप से एक राजनीतिक फसल है, इसलिए सरकार ने घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति बढ़ाने और खुदरा बाजारों में इसकी बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए कई कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के तमाम हिस्सों में प्याज का खुदरा मूल्य 60 से 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया था।
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