Whitefly Attack: किसानों की फसल बर्बाद, पंजाब सरकार को भी झटका
Whitefly नाम के कीड़ों ने दो तिहाई कपास की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। फसल खराब होने की वजह से पिछले दो माह में पंजाब में 15 किसानों ने आत्महत्या कर ली है।
नई दिल्ली। क्या एक छोटा सा कीड़ा किसी की जान ले सकता है। हां, पंजाब में Whitefly नाम के कीड़ों ने दो तिहाई कपास की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। फसल खराब होने की वजह से पिछले दो माह में पंजाब में 15 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। व्हाइटफ्लाई के हमले से पंजाब की 4.5 लाख हेक्टेयर में लगी लगभग 40-50 फीसदी कपास की फसल बर्बाद हो चुकी है। इस बीमारी ने केवल किसानों को ही नुकसान नहीं पहुंचाया है, बल्कि पंजाब सरकार के राजस्व को भी चोट पहुंचाई है।
15 किसानों ने कर ली आत्महत्या
व्हाइटफ्लाई नाम की इस बीमारी ने सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब के मालवा क्षेत्र में किया है। इस एरिया के कपास किसानों की पूरी फसल इस छोटे से कीड़े ने बर्बाद कर दी। बर्बाद हुई फसल ने परेशान किसान को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीनों में 15 किसान अपनी जान दे चुके हैं।
सरकार को राजस्व का नुकसान
राज्य सरकार मंडियों में कपास विक्रेताओं से ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) के तौर पर एक फीसदी शुल्क वसूलती है। एक्साइज और टैक्सेशन विभाग कपास पर पर्चेज टैक्स के रूप में 4.95 फीसदी शुल्क वसूलता है। इसके अलावा एक फीसदी मार्केट फीस संबंधित मार्केट कमेटी वसूलती है। 2014-15 (अक्टूबर-सितंबर) कपास वर्ष में पंजाब में 4.5 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई है, जिसमें से 1.36 लाख हेक्टेयर में लगी कपास की फसल बर्बाद होने की प्रारंभिक जानकारी है। शेष क्षेत्र में इस बार प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी कम होने की संभावना है, जिससे मंडियों में कपास कम आएगी और सरकार को कम राजस्व हासिल होगा। कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अनुमान के मुताबिक 2014-15 में पंजाब में 14 लाख गांठ का कपास उत्पादन का अनुमान है, जबकि 2013-14 में यहां 21 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। इतना ही नहीं इस बार प्रति हेक्टेयर उत्पादन 529 किलोग्राम है, जबकि पिछले साल प्रति हेक्टेयर उत्पादन 707 किलोग्राम था।
कपास का उत्पादन
Area in lakh hectare/Production in lakh bales/Yield kgs per hectare | |||||||
State | 2014-15 | 2013-14 | |||||
Area | Production | Yield | Area | Production | Yield | ||
Punjab | 4.50 | 14.00 | 529 | 5.05 | 21.00 | 707 | |
Haryana | 6.39 | 25.00 | 665 | 5.66 | 24.00 | 721 |
नकली कीटनाशक हो सकती है वजह
भटिंडा के किसान सुरजीत सिंह ने बाताया कि अपनी फसलों को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए किसान कीटनाशक का उपयोग करते हैं। बाजार में नकली कीटनाशक के आने से किसानों की लागत भी बढ़ रही है और उनकी फसल भी खराब हो रही है। पिछले महीने पंजाब के कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को नकली कीटनाशक की सप्लाई और स्टोर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
नुकसान के मुकाबले राहत पैकेज नाकाफी
पंजाब सरकार ने व्हाइटफ्लाई प्रभावित किसानों के लिए 600 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है। किसान इसे ऊंट के मूंह में जीरा मान रहे हैं। सरकार के राहत पैकेज के हिसाब से प्रति किसान को 8,000 रुपए प्रति एकड़ ही मुआवजा मिलेगा, जबकि किसान प्रति एकड़ 15 से 20 हजार रुपए मुआवजे की मांग कर रहे हैं। लुधियाना के किसान मंजीत चीमा ने कहा कि जुलाई से अब तक 10 से 12 बार कीटनाशक का इस्तेमाल किया जा चुका है, इस कारण इस साल लागत और बढ़ गई है।
किसान कर रहे हैं आंदोलन
भटिंडा के मेहमा साजरा गांव के किसान जसविंदर सिंह ने 20 एकड़ में कपास की बुआई की थी, जो पूरी खराब हो गई है। जसविंदर सिंह कहते हैं कि अब उनके पास सरकार से मदद लेने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। इसलिए पंजाब में कपास किसान आंदोलन कर रहे हैं।