अब तक 37 प्रतिशत कम हुई गेहूं की बुवाई, तिलहन का रकबा बढ़ा
गेहूं और अन्य रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है, जबकि अप्रैल से कटाई का काम होता है। गेहूं मुख्य रबी फसल है।
नई दिल्ली। फसल वर्ष 2019-20 के मौजूदा रबी सत्र (जाड़े की फसल) में पिछले सप्ताह तक गेहूं बुवाई का रकबा 37 प्रतिशत घटकर 9.69 लाख हेक्टेयर रह गया लेकिन समीक्षाधीन अवधि के दौरान तिलहन बुवाई का रकबा बढ़ गया। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
गेहूं और अन्य रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है, जबकि अप्रैल से कटाई का काम होता है। गेहूं मुख्य रबी फसल है। मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने चालू सत्र में पिछले सप्ताह तक 9.69 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं बोया है, जबकि एक साल पहले यह रकबा 15.35 लाख हेक्टेयर था। चालू सत्र के आखिरी सप्ताह तक मध्य प्रदेश में गेहूं खेती का रकबा 74,000 हेक्टेयर ही है, जो रकबा साल भर पहले की समान अवधि में यह छह लाख हेक्टेयर था।
पंजाब में, किसानों ने एक साल पहले 4.68 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया था जो रकबा इस बार 4.20 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि हरियाणा में इसकी फसल की खेती का रकबा 1.16 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.19 लाख हेक्टेयर रहा था। हालांकि, उत्तर प्रदेश में गेहूं की रोपाई चालू सत्र में गत सप्ताह तक बढ़कर 1.73 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई, जो साल भर पहले की इसी अवधि में 94,000 हेक्टेयर ही था।
कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि गेहूं खेती का रकबा कम होने की वजह वर्ष 2019 के खरीफ फसल की देर से हुई कटाई है, जिसके कारण कुछ क्षेत्र में, विशेषकर मध्य प्रदेश में बुवाई में देरी हुई है। फसल अवशेष या फसल की ठूंठ जलाने पर लगे प्रतिबंधों के कारण भी खेत की जमीन तैयार करने में देरी हुई। अन्य रबी फसलों में, पिछले सप्ताह तक दलहनी फसलों का रकबा भी कम यानी 27.85 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि साल भर पहले की इसी अवधि में यह रकबा 39.93 लाख हेक्टेयर था।
उक्त अवधि में मोटे अनाज की बुवाई का रकबा कम यानी 12.39 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 13.54 लाख हेक्टेयर था। हालांकि, चालू रबी सत्र में बज सप्ताह तक 41.24 लाख हेक्टेयर में अधिक रकबे में तिलहन का रोपण किया गया, जबकि एक साल पहले यह रकबा 39.65 लाख हेक्टेयर था। उक्त अवधि में धान रोपण का रकबा पिछले वर्ष के 5.77 लाख हेक्टेयर के स्तर के समान रहा। चालू रबी सत्र में गत सप्ताह तक सभी रबी फसलों की बुवाई का कुल रकबा 15 प्रतिशत घटकर 95.35 लाख हेक्टेयर रह गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 112.24 लाख हेक्टेयर था।
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून अच्छा रहने और जलाशयों के भरे होने के कारण मिट्टी की नमी बेहतर होने से रबी बुवाई की बेहतर संभावनाएं हैं। अधिकारी ने कहा कि 97 जलाशयों में पानी का स्तर 80 फीसदी से अधिक है। यह सुनिश्चित करेगा कि इस साल हमारे पास अच्छी रबी फसल हो। उन्होंने यह भी कहा कि रबी फसलें ज्यादातर सिंचित क्षेत्र में उगाई जाती हैं। इस रबी सत्र में मक्का और सरसों का रकबा अधिक होने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के लिए रिकॉर्ड 29.11 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें खरीफ (गर्मी) के मौसम में 14.79 करोड़ टन और रबी (सर्दियों) के मौसम में 14.32 करोड़ टन का उत्पादन का अनुमान शामिल है।