नई दिल्ली। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू विपणन वर्ष में अभी तक गेहूं की खरीद 16 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ 18.7 लाख टन हो गई है और इसके सरकार द्वारा तय 3.2 करोड़ टन के खरीद लक्ष्य को पार करने की संभावना है। सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य सरकारों की एजेंसियों ने विपणन वर्ष 2017-18 (अप्रैल - मार्च) की इसी अवधि में दो करोड़ 75.7 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। वर्ष 2017-18 में कुल गेहूं की खरीद तीन करोड़ 8.2 लाख टन थी तथा सरकार ने भारी उत्पादन के अनुमान को देखते हुए अधिक खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था।
एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गेहूं की खरीद में वृद्धि हुई है क्योंकि इस साल अधिक खरीद केंद्रों की स्थापना की गई थी। इसके परिणामस्वरूप अधिक से अधिक किसान अपने उत्पादन बेचने के लिए केन्द्र सरकार के पास आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष गेहूं की खरीद के लिए 18,326 केंद्र स्थापित किए गए हैं, जबकि पिछले साल ऐसे क्रय केंद्रों की संख्या 17,304 थी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि गेहूं की खरीद अपने लक्ष्य को पार कर जाएगी। आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में गेहूं की खरीद 2018-19 में अभी तक बढ़कर एक करोड़ 24.8 लाख टन हो गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में एक करोड़ 15.5 लाख टन का हुआ था।
इसी तरह, हरियाणा में गेहूं की खरीद पहले के 73.6 लाख टन से बढ़कर 87.1 लाख टन तक पहुंच गई है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह पहले के 16 लाख टन से बढ़कर 30.3 लाख टन हो गया है। मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीद पिछले साल की समान अवधि के 60.1 लाख टन की खरीद के मुकाबले इस साल अब तक 62.4 लाख टन हो गई है।
एफसीआई के अधिकारी के मुताबिक, हरियाणा में खरीद अभियान लगभग समाप्त हो गया है तथा महीने के अंत तक यह पंजाब और मध्यप्रदेश में भी खत्म हो जाएगा। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में खरीद का काम 15 जून तक चलेगा।
यद्यपि गेहूं विपणन वर्ष अप्रैल-मार्च तक का होता है, लेकिन थोक खरीद का काम पहले तीन महीनों में किया जाता है। एफसीआई और राज्य सरकार की क्रय एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद करती हैं। दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2017-18 में गेहूं का उत्पादन 1.42 प्रतिशत घटकर नौ करोड़ 71.1 लाख टन रह सकता है।
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