लॉकडाऊन के बीच गेहूं की सरकारी खरीद में तेजी, कुल आंकड़ा 88 लाख टन के पार
साल के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य के लिए 4.07 करोड़ टन निर्धारित किया गया है
नई दिल्ली। खाद्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 की वजह से जारी लॉकडाउन में भी प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं खरीद का काम तेज गति से हो रहा है तथा चालू विपणन वर्ष में अभी तक 88.6 लाख टन अनाज खरीदा जा चुका है। गेहूं खरीद का लक्ष्य विपणन वर्ष 2020-21 (अप्रैल-मार्च) के लिए 4.07 करोड़ टन निर्धारित किया गया है जहां रिकॉर्ड 10 करोड़ 62.1 लाख टन का उत्पादन होने की संभावना है। सरकार थोक में गेहूं की खरीद अप्रैल-जून के तीन महीनों में करती है।
सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य सरकार की एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद कार्य को अंजाम देती हैं। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 वायरस के प्रसार के बढ़ते खतरे को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा इंतजामों के साथ खरीद कार्य हो रहा है। मंत्रालय ने कहा कि देश के सभी प्रमुख खरीद करने वाले राज्यों में गेहूं की खरीद ‘बहुत तेज गति’ से हो रही है। 26 अप्रैल को केंद्रीय पूल के लिए कुल 88.6 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी। इसमें सर्वाधिक योगदान पंजाब का 48.2 लाख टन का है, इसके बाद हरियाणा का 19 लाख टन का योगदान है।
मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान रफ्तार से चार करोड़ टन के लक्ष्य को प्राप्त करने की पूरी संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक, सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत खाद्यान्नों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगभग 58.4 लाख टन अनाज की निकासी की गयी है। इसके लिए मालगाड़ियो के कुल मिला कर 2,087 रैक लगाए गए। ऐसी उम्मीद है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील के साथ, आने वाले दिनों में उतराई की गति और बढ़ेगी।