नई दिल्ली। संसद में कृषि से जुड़े बिल और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर छिड़ी बहस के बीच आज सरकार की तरफ से रबी फसलों का समर्थन मूल्य घोषित हो सकता है और ऐसी संभावना है कि गेहूं, चना, सरसों, मसूर तथा जौ के समर्थन मूल्य में जोरदार बढ़ोतरी हो सकती है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में समर्थन मूल्य पर चर्चा होगी और बैठक के बाद फसल मार्केटिंग वर्ष 2020-21 के लिए सभी रबी फसलों का समर्थन मूल्य घोषित हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक फसल मार्केटिंग वर्ष 2020-21 के लिए गेहूं का MSP 2000 रुपए प्रति क्विंटल के पार जा सकता है, इसी तरह चने का समर्थन मूल्य 5000 रुपए प्रति क्विंटल के पार पहुंच सकता है। जौ, सरसों और मसूर के समर्थन मूल्य में भी जोरदार बढ़ोतरी की संभावना है।
पिछले साल सरकार ने गेहूं के लिए 1925, चने के लिए 4875, जौ के लिए 1525, सरसों के लिए 4425 और मसूर के लिए 4800 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया हुआ था।
सरकार किसानों से जिस भी फसल की खरीद करती है वह सारी खरीद समर्थन मूल्य पर ही होती है। हाल ही में गेहूं की सरकारी खरीद पूरी हुई है और 1925 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर किसानों से 390 लाख टन गेहूं खरीदा गया है जो देश में पैदा हुए कुल गेहूं का एक तिहाई से ज्यादा है। इसी तरह 762 लाख टन से ज्यादा धान खरीदा गया है जिसमें से 511 टन चावल निकला है जो देश में पैदा होने वाले कुल चावल का 43 प्रतिशत से ज्यादा है। धान की खरीद 1868 और 1888 रुपए प्रति क्विंटल पर हुई है।
आम तौर पर किसानों से पारंपरिक तौर पर गेहूं और धान की खरीद ज्यादा होती है लेकिन मोदी सरकार के 6 वर्ष के कार्यकाल में दलहन और तिलहन की खरीद पर भी जोर दिया गया है। बीते रबी सीजन के दौरान ही देशभर में किसानों से 20 लाख टन से अधिक चना और 10 लाख टन से अधिक सरसों की खरीद हुई है।
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