नई दिल्ली। देश में इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कम रहने की आशंका है जिस वजह से गेहूं से बनने वाले उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं, देश में गेहूं के सबसे ज्यादा प्रोडक्ट तैयार करने वाली कंपनी आईटीसी में एग्रिकल्चर डिविजन के ग्रुप हेड एस शिवकुमार ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में यह आशंका जताई है।
ब्रेड और बिस्कुट हो सकते हैं महंगे
अंग्रेजी समाचार पत्र ईटी को दिए इंटरव्यू में शिवकुमार ने कहा है कि गेहूं के कम उत्पादन की वजह से उपभोक्तों को आने वाले दिनों में गेहूं से बनने वाले उत्पादों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। देश में गेहूं से प्रमुख तौर पर ब्रेड और बिस्कुट तैयार किए जाते हैं इसके अलावा आटा, मैदा, सूजी जैसे उत्पाद भी गेहूं से ही तैयार होते हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में इस तरह के तमाम प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
इस साल गेहूं उत्पादन 14 लाख टन कम
देश में इस साल केहूं की पैदावार में करीब 14 लाख टन की कमी आने का अनुमान है, केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से फसल वर्ष 2017-18 के लिए जारी किए गए दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस साल देश में 971.1 लाख टन गेहूं पैदा होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 985.1 लाख टन गेहूं पैदा हुआ था।
सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया है
सरकार ने इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य भी 110 रुपए बढ़ाकर 1735 रुपए प्रति क्विंटल किया है, ऐसे में गेहूं किसान इस बार सरकार को ज्यादा गेहूं बेचने के लिए प्रत्साहित होंगे जिससे आईटीसी जैसी निजी कंपनियों को अपनी जरूरत के लिए सरकारी दाम से ऊपर के भाव पर गेहूं खरीदना पड़ेगा। ऐसा होने पर बिस्कुट और ब्रेड तैयार करने के लिए निजी कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी जिससे उनको दाम बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
ज्यादा समर्थन मूल्य से गेहूं उत्पादों पर बढ़ेगी लागत
सरकार ने इस साल किसानों से 320 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है और निजी कंपनियों की तरफ से भी लगभग इतनी ही खरीद होती है। निजी कंपनियों में ITC किसानों से सबसे ज्यादा गेहूं खरीदती है, इस साल ITC की खरीद भी करीब 20 लाख टन होने का अनुमान है।
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