नई दिल्ली। त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में गेहूं सहित आटा, सूजी और मैदा की कीमतों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। बाजार में गेहूं की इतनी ज्यादा सप्लाई है कि फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से खुले बाजार में बिक्री के लिए जो गेहूं उतारा गया है उसको खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इस साल देश में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार की वजह से आटा मिलों के पास अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त गेहूं है। आने वाले दिनों में गेहूं की सप्लाई में इजाफा होने की उम्मीद है जिस वजह से गेहूं और इससे बनने वाले उत्पादों के दाम घटने की उम्मीद बढ़ गई है।
फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया ने खुले बाजार में बिक्री के लिए सितंबर के दूसरे हफ्ते तक कुल 13,76,050 टन गेहूं उतारा है। लेकिन इतने ज्यादा गेहूं में से अबतक सिर्फ 2,08,400 टन की ही बिक्री हो पायी है। उसमें से भी अधिकतर गेहूं की खरीद राज्य सरकारों ने की है। निजी कंपनियों ने इसमें से सिर्फ 9,750 टन गेहूं खरीदा है। निजी कंपनियों के पास भरपूर मात्रा में गेहूं का स्टॉक है जिस वजह से वह सरकारी गेहूं को खरीदने से परहेज कर रही हैं।
इस साल देश में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार हुई है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2016-17 के दौरान देश में कुल 983.8 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है जो अबतक का रिकॉर्ड है। पिछले साल देश में 922.9 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। इतना ज्यादा गेहूं पैदा होने की वजह से देशभर में इसकी सप्लाई पर्याप्त है और आगे चलकर इसके भाव पर दबाव बढ़ने की संभावना है।
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