व्हाट्सएप में मिली नई खामी, ऐसे आपकी जानकारियां चुरा सकते हैं हैकर
भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम-इंडिया (सीईआरटी-इन) ने फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप के उपयोक्ताओं के लिए एक चेतावनी जारी की है।
नयी दिल्ली। भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम-इंडिया (सीईआरटी-इन) ने फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप के उपयोक्ताओं के लिए एक चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि एक एमपी4 फाइल के साथ वायरस फैल रहा है, जिसके कारण व्हाट्सएप के उपयोक्ताओं को पता चले बिना उनकी निजी जानकारियां चोरी होने का जोखिम है।
यह परामर्श ऐसे समय आया है जब सितंबर में इस बात का खुलासा हुआ है कि इजरायल के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर व्हाट्सऐप के जरिये कई भारतीय पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की गयी है। सीईआरटी-इन ने परामर्श में कहा कि व्हाट्सएप में एक खामी का पता चला है। इसके जरिये हैकर कहीं दूर बैठे आपके उपकरण से सूचनाएं चुरा सकते हैं।
उसने कहा कि इसमें उपयोक्ता जैसे ही संक्रमित एमपी4 फाइल डाउनलोड करते हैं, उनके उपकरण में दर्ज सूचनाओं पर चोरी का जोखिम उपस्थित हो जाता है। इसके लिये उनसे किसी तरह की सहमति नहीं मांगी जाती। सीईआरटी-इन ने कहा कि व्हाट्सएप के छह से अधिक संस्करण (अपडेट) में यह खामी मौजूद है।
जारी एडवाइजरी के अनुसार इसके जोखिम को कम करने के लिए व्हाट्सएप यूजर्स को तुरंत अपना एंड्रॉइड फोन या ऐप्पल आईफोन को प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से अपडेट करना है। इससे आप अपनी पर्सनल इनफार्मेशन को लीक होने से बचा सकते हैं।
व्हाट्सएप ने सरकार को दिया सुरक्षा के हरसंभव कदम उठाने का भरोसा
विवादों में घिरी कंपनी व्हाट्सएप ने पेगासस स्पाइवेयर के जरिए हुई जासूसी के मामले में सरकार के समक्ष खेद जताया है और भरोसा दिलाया है कि वह सरकार की आपत्तियों को दूर करने के लिए सुरक्षा के हरसंभव कदम उठा रही है। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं करने के अनुरोध के साथ कहा है कि सरकार ने व्हाटसएप को सुरक्षा घेरा दुरुस्त करने को कहा है।
सरकार ने व्हाट्सएप से कहा है कि अब सूचनाओं की चोरी या जासूसी की एक भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इजरायल के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप के जरिए कई भारतीय पत्रकारों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की खबरें पिछले महीने सामने आयी थीं।
सरकार ने खुद स्वीकार किया- पेगासस स्पाईवेयर से भारत के 121 यूजर्स को टारगेट किया गया
इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप के जरिए भारतीय पत्रकारों और एक्टिविस्ट की जासूसी को लेकर सरकार ने बुधवार को बड़ा खुलासा करते हुए एक सवाल के जवाब में संसद में बताया कि व्हाट्सऐप के जरिए इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके भारत के 121 यूजर्स को टारगेट किया गया था। व्हाट्सएप के मुताबिक यह स्पाईवेयर इजराइल की एक कंपनी एनएसओ ग्रुप की तरफ से बनाया गया है।
लोकसभा में सूचना और प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि पेगासस स्पाईवेयर ने दुनिया भर में 1400 मोबाइल्स को निशाना बनाया था, जिसमें से 121 यूजर्स भारत से हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबध है, जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है। सरकार ने कहा कि हैंकिग और स्पाईवेयर से निपटने के लिए सूचान प्रौद्योगिकी (आईटी) एक्ट में पर्याप्त प्रावधान हैं।
रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा को लेकर पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पर भी काम कर रही है और इसे संसद में जल्द पेश किया जाएगा। सरकार ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भारत सरकार को कथित उल्लंघन के लिए बदनाम करने की कोशिश की गई है, यह 'पूरी तरह से भ्रामक' है।
गौरतलब है कि बुधवार को व्हाट्सएप जासूसी कांड के मामले पर बुलाई गई संसदीय स्थाई समिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ था। कांग्रेस सांसद शशि थरूर समिति के अध्यक्ष हैं। बैठक में समिति के 30 सदस्यों में से 24 मौजूद थे। हालांकि वोटिंग के बाद दोनों पक्षों की ओर से 12-12 वोट पड़े। ऐसी स्थिति में नियम के मुताबिक शशि थरूर ने अध्यक्ष के तौर पर अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर विपक्ष का साथ दिया और चर्चा कराने पर फैसला हुआ। बैठक में आए अधिकारियों ने समिति को बताया कि ऐसी शिकायतें मिली हैं और इसकी जांच चल रही है। इन कॉलों की निजता की निगरानी करने वाली संस्था ने इस मामले को लेकर व्हाट्सऐप से बात की है।