नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों के बोर्डरूम में उन आदमियों का दबदबा है, जिनका आखिरी नाम (सरनेम) अग्रवाल और गुप्ता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर लिस्टेड 1530 कंपनियों के डायरेक्टर्स की लिस्ट पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि 286 डायरेक्टर्स के सरनेम अग्रवाल हैं। यहां यह महत्वपूर्ण है कि यह इंडीविजुअल्स डायरेक्टर्स एक से ज्यादा बोर्ड में शामिल हैं।
दूसरे स्थान पर गुप्ता सबसे लोकप्रिय सरनेम है। यहां 125 इंडीपेंडेंट और 101 नॉन-इंडीपेंडेंट डायरेक्टर्स गुप्ता सरनेम वाले हैं। भारतीय कॉरपोरेट बोर्डरूम में अन्य सामान्य सरनेम में जैन, सिंह और शाह शामिल हैं। कैपिटल मार्केट इंफोर्मेशन प्रोवाइडर प्राइम डाटाबेस के मुताबिक 10,078 डायरेक्टर्स के नाम इस विश्लेषण के लिए शामिल किए गए थे। अग्रवाल और गुप्ता सामान्य तौर पर हिंदु बनिया जाति से आते हैं, यह ऐसा समुदाय है जो पारंपरिक तौर पर शदियों से व्यापार और कारोबार से जुड़ा रहा है। इन्हें इन्हें इनके कारोबारी कौशल के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। वास्तव में, एक अंग्रेजी अखबार की 2011 में आई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अधिकांश अरबपति बनिया हैं।
पहली पीढ़ी के भारतीय उद्यमियों की नई पीढ़ी भी अक्सर इस समुदाय से संबंधित है। भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट की स्थापना सचिन बंसल और बिनी बंसल, जो आपस में रिश्तेदार नहीं हैं, ने की है। 2014 में उन्होंने अन्य ई-कॉमर्स कंपनी मिंत्रा का अधिग्रहण किया, जिसकी स्थापना भी एक बनिया समुदाय के व्यक्ति मुकेश बंसल ने की थी।
Source: Quartz
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