नई दिल्ली। भारतीय ईकॉमर्स बाजार के लिए 9 मई यानि बुधवार का दिन एतिहासिक होने जा रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट बुधवार को भारत की सबसे बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने का ऐलान कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट की 70 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। इसके लिए कंपनी 16 अरब डॉलर यानि करीब 11 खरब रुपए की रकम खर्च करने जा रही है। इस सौदे में वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट में 2-2.5 अरब डॉलर का प्राइमरी इन्वेस्टमेंट करेगा, जिसका इस्तेमाल फ्लिपकार्ट अपना बिजनस बढ़ाने में करेगा। सूत्रों के मुताबिक इस निवेश में गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट भी भागीदारी करेगी। उनका कहना है कि वह फ्लिपकार्ट में 1 अरब डॉलर (67 अरब रुपये) का निवेश कर सकते हैं।
अंग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट को दो चरणों में खरीदेगा। वॉलमार्ट के प्राइमरी इनवेस्टमेंट से पहले यह सौदा 20-22 अरब डॉलर और उसके बाद 22-24 अरब डॉलर का होगा। वह फ्लिपकार्ट को खरीदने के बाद इसमें 3-3.5 अरब डॉलर का निवेश कर सकता है। वॉलमार्ट देश में रिटेल बिजनस को बढ़ाने के लिए अपने किराना स्टोर्स के नेटवर्क का फायदा उठाना चाहता है। कंपनी इसके लिए इन्हें मॉडर्नाइज करेगी और इन स्टोर्स को फ्लिपकार्ट के मार्केटप्लेस मॉडल से जोड़ेगी।
प्रस्तावित डील के मुताबिक, फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिनी बंसल नए चेयरमैन और ग्रुप सीईओ हो सकते हैं। वहीं खबर है कि फ्लिपकार्ट में 5.5 पर्सेंट हिस्सेदारी रखने वाले मौजूदा चेयरमैन सचिन बंसल अपने सभी शेयर बेचकर कंपनी से निकल जाएंगे। सचिन और बिनी बंसल रिश्तेदार नहीं हैं। वॉलमार्ट 2-2.5 अरब डॉलर के निवेश के साथ भारतीय कंपनी के मौजूदा निवेशकों से 60 पर्सेंट हिस्सेदारी करीब 14 अरब डॉलर में खरीद रहा है। फ्लिपकार्ट में सॉफ्टबैंक की 20.8 पर्सेंट, ईबे की 6.1 पर्सेंट और सचिन बंसल की 5.55 पर्सेंट हिस्सेदारी है।
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