नई दिल्ली। भारतीय ईकॉमर्स बाजार के लिए आज एक बड़ा दिन है। देश की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल चेन वॉलमार्ट के हाथों बिकने जा रही है। इसके साथ ही वॉलमार्ट आज भारत के ईकॉमर्स कारोबार में अपना दमदार कदम रखने जा रही है। बुधवार को वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट की डील पर मुहर लगने की संभावना है। वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट का 70 प्रतिशत हिस्सा खरीदने का ऐलान करेगा। इस सौदे से पहले वॉलमार्ट के सीईओ डग मैकमिलन बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। यह भारत में विलय और अधिग्रहण के बड़े समझौतों में एक होगा। आपको बता दें कि फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन 20 अरब डॉलर (करीब 13 खरब रुपये) आंका गया है।
अंग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस डील का ऐलान बेंगलुरु स्थित फ्लिपकार्ट मुख्यालय में आयोजित टाउनहॉल मीटिंग में किया जाएगा। इस मीटिंग में मैकमिलन फ्लिपकार्ट के कर्मचारियों को भारत में कंपनी की पॉलिसी से वाकिफ करवाएंगे। उसके बाद मैकमिलन दिल्ली रवाना हो जाएंगे। वहां वह शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करके उन्हें वॉलमार्ट की योजना की जानकारी देंगे। वॉलमार्ट के सीईओ कंपनी के भारत में 'बैक डोर एंट्री' को लेकर पैदा हुए डर पर भी बात करेंगे। दरअसल, भारत सरकार ने देश में किसी विदेशी रिटेरलर कंपनी को स्टोर खोलने की इजाजत नहीं दी है।
वहीं फ्लिपकार्ट के प्रबंधन में भी बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। कंपनी के को फाउंडर सचिन बंसल कंपनी में अपनी पूरी 5.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेच देंगे। वॉलमार्ट अपनी तरफ से यह संकेत देगा कि वह को-फाउंडर बिन्नी बंसल के नेतृत्व में फ्लिपकार्ट में इंडियन मैनेजमेंट को बरकरार रखेगा। वॉलमार्ट भारत के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जरूरी आधारभूत ढांचा निर्माण में निवेश भी करेगा। वहीं,फ्लिपकार्ट के शुरुआती निवेशकों में रहे टाइगर ग्लोबल और एस्सेल पार्टनर्स भी टेंसेंट के साथ अपनी छोटी-छोटी हिस्सदेरियां बरकरार रखेंगे। कहा जा रहा है कि सॉफ्ट बैंक और नैस्पर्स अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेंगे।
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