नई दिल्ली। भारतीय वाहन निर्माता कंपनियां जब कोविड-19 संकट से उबर रही हैं तो उनकी आंतरिक क्षमताएं जैसे वॉलेट शेयर में सुधार, नए ग्राहक बनाने, जोरदार उत्पाद विकास, निर्माण क्षमता को अधिकतम करना, मुक्त नकद प्रवाह तैयार करना और कर्मचारियों के कौशल बेहतर करने के लिए एक अच्छी प्रतिभा चक्र प्रबंध व्यवस्था ऐसी चुनौतियों में है जिसका सामना उद्योग कर रहा है।
वाधवानी एडवांटेज के नए एक्सीलेरेशन प्रोग्राम का लक्ष्य इन चुनौतियों का सामना करना और कारोबारी उद्यमियों के लिए ऐसे समाधान पेश करना है जो ‘डू-इट-योरसेल्फ’ डिसकवरी और बिजनेस सोल्यूशन किट तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले ऑटोमेटेड लॉजिक और पर्सनलाइज्ड हस्तक्षेप के उपयोग से अन्य ज्ञान संसाधनों के जरिए विकास की उनकी संभावनाओं को अधिकत्तम करे। इसका लक्ष्य किसी व्यावसायिक अपेक्षा के बिना कारोबारी इकोसिस्टम को मजबूत करना है।
वाधवानी एडवांटेज की पेशकशें उच्च गुणवत्ता वाले हस्तक्षेप हैं जो कोई पैसे नहीं लेते। क्यूरेटेड सलाहकार बहुत कम पैसों में यह काम करेंगे या आवश्यकता पड़ने पर सफलता आधारित शुल्क लेंगे ताकि कारोबारों को बदलाव की उनकी यात्रा पूरी करने में सहायता कर सकें और वाधवाणी एडवांटेज द्वारा प्रमाणित किए जा सकें।
वाधवानी एडवांटेज ने अपना स्वामित्व वाला वाधवानी इंडेक्स और स्कोरिंग सिस्टम पेश किया है जो प्रदर्शन सुधार के लक्ष्य तय करेगा। स्वामित्व वाले ऑटोमेटेड डिसकवरी टूल को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि कारोबार को प्रदर्शन की माप के लिए सशक्त किया जाए और यह 27 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर हो तथा पूर्व की सात तिमाहियों के दौरान तथा भविष्य में इनमें से आठ सबसे महत्वपूर्ण हों। इन कंपनियों को उद्योग के मानकों से तुलना करने की भी अनुमति रहती है। प्रोग्राम के साथ जो प्रतिबद्ध कंसलटैंट जोड़े गए हैं वे कारोबारों को इस टूल का उपयोग करने और ऑटो कंपोनेंट कंपनियों को उद्योग में अग्रणी स्थिति हासिल करने की चाहत रखने में सहायता करेंगे।
एडवांटेज प्रोग्राम ने प्रत्येक संकेतक के लिए दसियों परिदृश्य तैयार किए हैं और ऑटोमेटेड बुद्धिमत्ता तथा तर्क का उपयोग किया है ताकि उपयुक्त बदलाव परियोजना की सिफारिश की जा सके जिससे छोटे कारोबारों को बदलाव और अपने विकास को गति देने के लिए आजमाना चाहिए।
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