नई दिल्ली। संकट में फंसी जर्मनी की वाहन कंपनी फॉक्सवैगन ने गुरुवार को कहा कि वह 2016 की पहली तिमाही से 3.24 लाख वाहनों को भारतीय बाजार से वापस मंगाना शुरू करेगी। हालांकि, कंपनी ने सरकार के उत्सर्जन परीक्षणों में धोखाधड़ी करने के लिए कंपनी पर सुनियोजित अपराध के आरोपों को खारिज किया है। कंपनी ने जोर देकर कहा कि भारत में बेची गई उसकी कारों में चकमा देने वाला उपकरण नहीं लगा है और उसने देश में भारत-चरण 4 उत्सर्जन नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।
वाहन क्षेत्र की इस कंपनी के अमेरिका सहित कई देशों में चकमा देने वाला उपकरण लगाकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया था। इसके बाद सरकार द्वारा दिए गए जांच के आदेश में कंपनी की ओर से उल्लंघन करने का मामला सामने आया है। फॉक्सवैगन ने भारत में 2008 से 2015 के दौरान बेचे गए 3,23,700 वाहनों को वापस मंगाने की घोषणा सोमवार को की थी। कंपनी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वाहनों को वापस मंगाने की प्रक्रिया 2016 की पहली तिमाही से शुरू होगी। फॉक्सवैगन ग्रुप इंडिया ने कहा कि उसने ई-189 इंजन के बारे में अपने निष्कर्ष और संभावित समाधान भारत सरकार व ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) को सौंपे हैं। कंपनी ने कहा है कि वह भारत में ई-189 इंजन वाले वाहनों की बिक्री जारी रखेगी।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने बुधवार को कहा था कि सड़क पर दौड़ रहे वाहनों के परीक्षण में उल्लंघन सामने आया है। यह एक सोच-समझकर किया गया अपराध है। जांच का आदेश भारी उद्योग मंत्रालय ने दिया था। एआरएआई ने पाया कि फॉक्सवैगन ने भारत में मौजूदा स्तर से 8-9 गुना उत्सर्जन नियमों का उल्लंघन किया। गीते ने कहा कि उनका मंत्रालय कंपनी पर कार्रवाई के लिए यह मामला सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेज रहा है। फॉक्सवैगन ने कहा कि इस विषय पर साझा निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ और बैठकें की जाएंगी।
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