ड्रेट्रॉइट। अपने वाहनों में उत्सर्जन छिपाने के लिए की गई धोखाधड़ी मामले में ग्राहकों द्वारा दायर मामलों और सरकार के आरोपों का निपटान करने के लिए फॉक्सवैगन 15 अरब डॉलर खर्च करेगी। वकीलों के हिसाब से अमेरिका के इतिहास में यह वाहन क्षेत्र से जुड़ा सबसे बड़ा मामला है, जिसका निपटान किया गया है।
सैन फ्रांसिस्को में अमेरिकी डिस्ट्रिक कोर्ट द्वारा खुलासा किए गए समझौते के तहत फॉक्सवैगन धोखाधड़ी वाले दो लीटर डीजल इंजन के लगभग 4,75,000 वाहनों को ठीक करेगी या उन्हें वापस लेगी और इस पर वह 10 अरब डॉलर खर्च करेगी। इसके अलावा कंपनी लोगों को उनके वाहन की उम्र के मुताबिक 5,100 से 10,000 डॉलर के मुआवजे का भी भुगतान करेगी। दस्तावेजों के अनुसार कंपनी कई महीनों से वाहनों की मरम्मत कर रही है लेकिन वह उन्हें ठीक करने में सक्षम नहीं है ऐसे में लगता है कि कंपनी सारे वाहनों को वापस खरीदेगी।
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इसके अलावा जर्मनी की कार निर्माता कंपनी ने सरकारों को पर्यावरण हानि के लिए 2.7 अरब डॉलर का भुगतान किया है एवं दो अरब डॉलर शून्य-उत्सर्जन वाहनों के शोध पर भी खर्च किए हैं। इसके अलावा 44 राज्यों, वॉशिंगटन डीसी और प्यूरेटो रिको ने भी कंपनी पर मामला दायर किया है, जिसके निपटान के लिए कंपनी 60.3 करोड़ डॉलर का भुगतान करेगी। इस प्रकार कंपनी को कुल 15.3 अरब डॉलर खर्च करने होंगे। गौरतलब है कि फॉक्सवैगन ने स्वीकार किया था कि उसने अपने दो लीटर डीजल इंजनों में ऐसा सॉफ्टवेयर लगाया था, जिससे सरकारी जांच के दौरान उत्सर्जन नियंत्रण में
रहे और गाड़ी सड़क पर रहने के समय यह बंद हो जाता है।
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