नई दिल्ली। दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर की विलय योजना मंजूरी के अंतिम चरण में है। यह जानकारी मंगलवार को दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने दी। दोनों दूरसंचार कंपनियों की विलय योजना को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) और बाजार नियामक सेबी से हरी झंडी मिल चुकी है। सुंदरराजन के मुताबिक, दूरसंचार विभाग इसमें तेजी लाने की प्रक्रिया में है। देश में 5G प्रौद्योगिकी शुरू करने के बारे में दूरसंचार उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने यह बात कही।
सुंदरराजन ने कहा कि इसमें एफडीआई मूंजरी और लाइसेंसों का उदारीकरण भी शामिल है। इसमें कई मंजूरियां शामिल हैं। हम इसमें तेजी लाने की प्रक्रिया में है। इन दोनों मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनियों के विलय के बाद ग्राहकों की संख्या, बाजार राजस्व और हिस्सेदारी के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी। इनकी विलय प्रक्रिया जून तक पूरी होने की उम्मीद है।
सुंदरराजन ने यह भी कहा कि दूरसंचार विभाग नई राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2018 का प्रारूप तैयार करने के अंतिम चरण में है और इसके तैयार होने के बाद इसे मंजूरी के लिए दूरसंचार आयोग के समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं कोई विशिष्ट दिन निर्धारित नहीं कर सकती। लेकिन दूरसंचार आयोग के पास ले जाने से पहले हम नीति का प्रारूप तैयार करने के अंतिम चरण में है। इसके बाद इसे सरकार के पास भेजा जाएगा।
पिछले सप्ताह ही वोडाफोन और आइडिया ने विलय के बाद बनने वाली संयुक्त ईकाई के शीर्ष नेतृत्व की घोषणा की थी। विलय के बाद बनने वाली दूरसंचार कंपनी में कुमार मंगलम बिड़ला इसके गैर-कार्यकारी चेयरमैन और बालेश शर्मा इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होंगे।
इन दोनों मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनियों के विलय के बाद ग्राहकों की संख्या, बाजार राजस्व और हिस्सेदारी के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी। इनकी विलय प्रक्रिया जून तक पूरी होने की उम्मीद है।
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