नई दिल्ली। आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया ने अपने मोबाइल कारोबार के विलय के लिए दूरसंचार विभाग को विरोधस्वरूप 7,248.78 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। इसी के साथ देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी के आगे का मार्ग का प्रशस्त हो गया है। आइडिया सेल्युलर के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि आइडिया और वोडाफोन ने विलय के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा मांगी गयी राशि का भुगतान आपत्ति दर्ज कराते हुए किया है। दोनों कंपनियों ने नकद में 3,926.34 करोड़ रुपए का भुगतान किया है और 3,322.44 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी दी है।
दूरसंचार विभाग ने 9 जुलाई को दोनों कंपनियों के विलय को सशर्त मंजूरी दी थी और राशि का भुगतान करने के लिए कहा था।
उल्लेखनीय है कि विलय के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी होगी जिसका मूल्य डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक (23 अरब डॉलर) होगा। नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत होगी और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी।
नयी कंपनी बनाने के बाद भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी नहीं रह जाएगी। संयुक्त उद्यम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 प्रतिशत और कुमारमंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाले आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तथा आइडिया के शेयरधारकों की हिस्सेदारी 28.9 प्रतिशत होगी।
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