नई दिल्ली। आइडिया और वोडाफोन के विलय को सरकार ने देश के दूरसंचार क्षेत्र की एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है और कहा है कि इससे देश में प्रतिस्पर्धा का माहौल सुधरेगा। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने इस आशंका को भी खारिज किया कि इन दो बड़ी कंपनियों के विलय से बाजार में कार्टल (थोड़ी सी कंपनियों के बीच साठगांठ) की स्थिति पैदा होगी और कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा।
सुंदरराजन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यहां प्रतिस्पर्धा का अच्छा माहौल तैयार हुआ है और यह भारत के लिए अच्छा है। वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर ने आज ही दिन में उनके भारतीय कारोबार का 23 अरब डॉलर का विलय सौदा पूरा होने की घोषणा की। इस विलय के बाद देश में दूरसंचार क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनेगी। यह कंपनी रिलायंस जियो और एयरटेल जैसी दूसरी कंपनियों के समक्ष प्रतिस्पर्धा में ठहर सकेगी।
दोनों कंपनियों के विलय के बाद बनने वाली कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा। इस कंपनी का कुल ग्राहक आधार 40 करोड़ उपभोक्ताओं का होगा। मोबाइल फोन सेवा देने के मामले में इसका 35 प्रतिशत बाजार हिस्सा होगा।
सुंदरराजन ने कहा कि बाजार का एकीकरण हो रहा है, इसमें स्थायित्व आ रहा है और यह बड़ा मील का पत्थर है, इस क्षेत्र में सबसे बड़ा कॉरपोरेट विलय हुआ है। उन्होंने कहा कि इस विलय के बाद दूरसंचार क्षेत्र में निजी क्षेत्र की तीन बड़ी कंपनियां होंगी और एक बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी होगी। यह भारत के लिए अच्छी स्थिति है, जो बताती है कि यह परिपक्व बाजार हो चुका है।
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