नई दिल्ली। वोडाफोन-आइडिया, भारती एयरटेल और रिलायंस जियो जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने सरकार को स्पेक्ट्रम शुल्क का 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया चुकाया है। कंपनियों को स्पेक्ट्रम का बकाया 10 अप्रैल तक चुकाना था। एक सूत्र ने बताया कि कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अभी तक 492 करोड़ रुपए का बकाया जमा नहीं किया है।
यह भुगतान पूर्व की नीलामियों में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के बाद में भुगतान के तहत चुकाया गया है। मामले से जुड़े सूत्र ने कहा कि देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने 6,277.1 करोड़ रुपए का भुगतान दूरसंचार विभाग को किया है। इससे पिछली किस्त के तहत कंपनी ने मार्च में 3,042.7 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। कंपनी 25,000 करोड़ रुपये का राइट इश्यू लाने की तैयारी कर रही है।
भारती एयरटेल ने 2,745.8 करोड़ रुपए का भुगतान किया है, जबकि रिलायंस जियो ने 1,109.1 करोड़ रुपए चुकाये हैं। हालांकि, रिलायंस कम्युनिकेशंस अभी तक अपने 492 करोड़ रुपए के बकाये का भुगतान नहीं कर पाई है। दूरसंचार विभाग द्वारा आमतौर पर दूरसंचार कंपनियों को बकाया अदा करने की तारीख से 10 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है।
भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो को इस बारे में भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया। उद्योग के एक विश्लेषक ने कहा कि आरकॉम ने दूरसंचार विभाग को कई बार पत्र लिखकर अतिरिक्त बैंक गारंटी को लौटाने को कहा है।
ऑपरेटर्स को अगली किस्त सितंबर-अक्टूबर में अदा करनी है। सरकार ने पिछले साल मार्च में कर्ज के बोझ से दबे दूरसंचार क्षेत्र को राहत देते हुए स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए वार्षिक किस्त की अवधि को 10 से बढ़ाकर 16 साल कर दिया था।
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