मुंबई। रिजर्व बैंक (RBI) ने फंसे कर्ज की बिक्री के लिए अमेरिका के तर्ज पर ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए कहा है। RBI का मानना है कि इससे फंसी परिसंपत्तियों (कर्जो) की बिक्री में पारदर्शिता और बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया जा सकेगा। RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि इस तरह का ऑनलाइल मंच फंसी परिसंपत्तियों की बिक्री के लिए एक संपन्न बाजार बनाने में मदद कर सकता है। गौरतलब है कि वसूल नहीं हो रहे कर्ज (NPA) का ऊंचा स्तर घरेलू बैंकिग व्यवस्था के लिए मुश्किलें खड़ी कर रखा है।
उन्होंने इस तरह का तंत्र विकसित करने के लिए सभी हितधारकों को साथ आने को कहा है। उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में आचार्य ने कहा, "भारतीय बैंक एसोसिएशन, एसोसिएशन ऑफ एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियां (एरकॉन) और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां को अमेरिका के लोन सिंडिकेशन एंड ट्रेडिंग एसोसिएशन (LSTA) की तर्ज पर तंत्र स्थापित करने के लिए साथ आना चाहिए।
डिप्टी गवर्नर ने कहा, "अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने बैंकिंग संकट के दौरान इस तरह का मंच बनाया था और जो बाद में एक उद्योग मानक बन गया।" आचार्य ने कहा कि अगर इस तरह का मंच का बनाया जाता है तो जोखिम हस्तांतरण के लिए कर्ज की बिक्री हो सकती है।
Latest Business News