नई दिल्ली। यदि आप बैंकिंग सेवा में कार्यरत हैं या फिर बैंकिंग सर्विस में नौकरी की इच्छा रखते हैं तो यह खबर आपको परेशानी में डाल सकती है। सिटी बैंक के पूर्व सीईओ विक्रम पंडित की मानें तो आने वाले पांर्च वर्षों में बैंकिंग क्षेत्र में 30 फीसदी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। विक्रम पंडित ने उस वक्त सिटी ग्रुप की कमान संभाली थी, जब अमेरिका सहित पूरी दुनिया आर्थिक संकट क्षेल रही थी। ब्लूमबर्ग को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या रोबोटिक्स के बैंकिंग सेक्टर में उपयोग से ऑटोमेशन तेजी से बढ़ा है। जिससे नौकरियों की संख्या में कमी आएगी। हालांकि यह बात उन्होंने यूरोप एवं अमेरिका के संदर्भ में कही है। लेकिन भारत में इसके प्रभाव से इंकार नहीं किया जा सकता।
विक्रम ने बताया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और रोबोटिक्स ने कर्मचारियों की भूमिका को काफी सीमित कर दिया है। आज पासबुक अपडेशन, कैश डिपॉज़िट, ग्राहक संबंधी सूचनाओं का वेरिफ़िकेशन, सैलरी अपलोड जैसे काम अब डिजिटल तरीक़े से किए जा रहे हैं। यदि इसमें और विस्तार होता है तो बेरोजगारी और बढ़ सकती है।
भारत की बात करें तो यहां पर भी बैंकिंग सिस्टम में काफी तेजी से बदलाव आया है। पिछले 15 वर्षों में बैंकिंग सिस्टम में ऑटोमेशन काफी हावी रहा है। आज देश में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में तेजी आ रही है। वहीं निजी से लेकर सरकार बैंक भी हर छोटी बड़ी सर्विस एटीएम या ऑटोमैटिक मशीनों से निपटा रहे हैं। इससे एक कदम आगे बढ़ाते हुए आईसीआईसीआई बैंक ने इसी साल से अपनी चुनिंदा शाखाओं में रोबोट का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है।
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