मुंबई। सेवा कर विभाग चौथी बार भी संकट में फंसे उद्योगपति विजय माल्या का निजी जेट विमान नहीं बेच पाया है। संबंधित मामले में बंबई हाई कोर्ट के निर्देश पर विभाग ने इस जेट के लिए आरक्षित मूल्य को 2.25 करोड़ डॉलर से घटाकर 1.25 करोड़ डॉलर कर दिया था। इसके बावजूद विभाग को कोई खरीदार नहीं मिला।
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माल्या पर सेवा कर विभाग का 1,000 करोड़ रुपए का बकाया है। साथ ही उन पर 17 बैंकों को 9,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। समझा जाता है कि माल्या पिछले साल मार्च में ब्रिटेन चले गए थे। बकाया सेवा कर में से 535 करोड़ रुपए टिकटों की बिक्री पर शुल्क है, जो अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन ने विभाग के पास जमा नहीं कराया है। शेष राशि ब्याज और अन्य शुल्कों के रूप में है।
इस विमान की एक बार फिर से नीलामी 15-16 मार्च को की गई। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई हवाई अड्डे पर खड़े इस विमान के लिए वैश्विक निविदाएं आमंत्रित की गई थीं।
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किंगफिशर हाउस और विला को नहीं मिला कोई खरीदार
शराब कारोबारी विजय माल्या के किंगफिशर हाउस की चौथी और किंगफिशर विला को नीलाम करने की तीसरी कोशिश भी नाकाम रही। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की अध्यक्षता वाली बैंक कंसोर्टियम माल्या से लोन की रिकवरी के लिए दोनों प्रॉपर्टी नीलाम कर रही है। लेकिन इस बार भी कोई बोली नहीं मिली। पिछली नीलामी की नाकामी से सबक लेते हुए 17 बैंकों के कंसोर्टियम ने इस बार प्रॉपर्टीज का रिजर्व प्राइस 10 फीसदी कम किया था। इसके बावजूद कोई खरीदार नहीं मिला।
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