नई दिल्ली। लोन डिफॉल्ट मामले में घिरे शराब कारोबारी विजय माल्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपनी 13,900 करोड़ रुपए की संपत्तियों को बेचने की अनुमति मांगी है, ताकि वह बैंक का कर्ज अदा कर सकें। माल्या ने कहा कि यदि प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा उनके इस प्रस्ताव का विरोध किया जाता है तो यह साफ हो जाएगा कि बकाया की वसूली से आगे भी उनके खिलाफ एजेंडा है। माल्या ने कल कई ट्वीट के जरिये कहा था कि वह बैंकों के कर्ज चूक मामले में ‘ पोस्टर ब्वॉय ’ बन चुके हैं।
यानी जब भी बैंकों के कर्ज को नहीं लौटाने की बात होती है, तो सबसे पहले उनका नाम लिया जाता है। माल्या ने कहा था कि वह बैंकों के कर्ज के निपटारे के लिए प्रयास जारी रखेंगे। माल्या ने कल बयान में कहा कि यूनाइटेड ब्रूवरीज होल्डिंग्स लि. (UBHL) और उन्होंने खुद 22 जून, 2018 को कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपील कर करीब 13,900 करोड़ रुप, की संपत्तियों की बिक्री की अनुमति मांगी है।
माल्या ने ट्वीट किया कि हमने अदालत से न्यायिक निगरानी में इन संपत्तियों को बेचने की अनुमति मांगी है ताकि बैंकों का कर्ज लौटाया जा सके। माल्या ने आगे कहा कि यदि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां संपत्तियों की बिक्री का विरोध करती हैं तो यह साफ हो जाएगा कि मेरे यानी पोस्टर ब्वॉय के खिलाफ कर्ज की वसूली से आगे भी एजेंडा चलाया जा रहा है।
माल्या ने दावा किया कि वह बैंकों के साथ कर्ज के निपटारे का पूरा प्रयास करेंगे। यदि राजनीतिक से प्रेरित कोई हस्तक्षेप होता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता। कल बयान जारी करने के समय को लेकर उठे सवालों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए माल्या ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील दायर करने की वजह से यह कदम उठाया है। माल्या ने कहा कि उन्होंने 15 अप्रैल , 2016 को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था।
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