नयी दिल्ली। यूबी ग्रुप के प्रमोटर विजय माल्या के लिए सोमवार का दिन बेहद अहम है। ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) माल्या के खिलाफ कर्जदार का पहला अधिकार चाहने संबंधी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा। इससे पहले विजय माल्या ने आज कहा कि वे भगोड़े नहीं हैं, वे कर्जदाताओं को अतिरिक्त भुगतान के जरिये बैंकों के साथ ‘एकमुश्त निबटारा’ करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ‘कर्जदार’ होने के आरोपों को खारिज कर दिया।
डीआरटी आज सुनाएगा फैसला
ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) यूबी ग्रुप के प्रमोटविजय माल्या के खिलाफ कर्जदार का पहला अधिकार चाहने संबंधी भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की याचिका पर अपना फैसला सोमवार को सुनाएगा। डीआरटी ने चार मार्च को बैंकों व माल्या दोनों के पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बैंकों के वकील जॉर्ज जोसेफ ने कहा कि आदेश सोमवार को जारी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विजय माल्या ने यूनाइटेड स्प्रिट्स के चेयरमैन पद से हटने के लिए डियाजियो के साथ हाल ही में समझौता किया था। इसके तहत उन्हें 7.5 करोड़ डॉलर की राशि मिलनी है और एसबीआई चाहता है कि इस धन पर ऋण दाताओं का अधिकार पहले हो।
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माल्या ने किया आरोपों से इंकार
डिआजिओ के साथ एक सौदा के बाद ज्यादा समय इंग्लैंड में गुजारने और खुद पर लगे ‘भगोड़ा’ होने के आरोपों से इंकार करते हुये माल्या ने कहा कि वह लंबे समय से बंद एयरलाइन कंपनी किंगफिशर को बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराये जाने के संबंध में जांच एजेंसियों के साथ सहयोग जारी रखेंगे। यूनाइटेड स्प्रट्सि लिमिटेड के 7.5 करोड डालर के कर्ज का भुगतान डिआजिओ द्वारा किये जाने के बदले वह इस कंपनी के चेयरमैन का पद छोडने पर सहमत हुए हैं।
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