लंदन। शराब कारोबारी विजय माल्या को यूनाइटेड स्पिरिट्स से बाहर निकलने के लिए एक डियाजियो से 7.5 करोड़ डॉलर (515 करोड़ रुपए) मिलेंगे। यूनाइटेड स्पिरिट्स की स्थापना माल्या के परिवार ने की थी और अब इसका कंट्रोल डियाजियो के हाथ में है। इसके अलावा, डियाजियो इस बात पर भी सहमत हुई है कि यूनाइटेड स्पिरिट्स में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में ब्रिटेन स्थित डियाजियो के प्रति माल्या की कोई निजी देनदारी नहीं होगी। गौरतलब है कि यूनाइटेड स्पिरिट्स में माल्या परिवार से डियाजियो के कंट्रोल योग्य हिस्सेदारी खरीदने पहले एक आंतरिक जांच में ये आरोप सामने आए थे।
माल्या और डियाजियो बीच ये हुआ समझौता
माल्या यूनाइटेड स्पिरिट्स के चेयरमैन और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पद से इस्तीफा देंगे और साथ ही ग्रुप की अन्य कंपनियों के बोर्ड से भी इस्तीफा देंगे। हालांकि, माल्या के पुत्र सिद्धार्थ माल्या यूएसएल ग्रुप की कंपनी के निदेशक मंडल में बने रहेंगे। इस कंपनी के पास रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुर आईपीएल की फ्रेंचाइजी है। डियाजियो दो साल तक सिद्धार्थ माल्या को उस बोर्ड से नहीं हटा सकती। पिता के पास टीम के मुख्य मार्गदर्शक का मानद पद रहेगा। कंपनी में एक स्वतंत्र निदेशक महेन्द्र कुमार शर्मा यूनाइटेड स्पिरिट्स के नए चेयरमैन होंगे।
माल्या को मिलेंगे 7.5 करोड़ डॉलर, 5 साल तक नहीं खोलेंगे कंपनी
डियाजियो ने कहा कि वह उनके इस्तीफा के लिए मुआवजा के तौर पर 7.5 करोड़ डॉलर का भुगतान करने के लिए राजी हो गई है। यह भुगतान ब्रिटेन को छोड़कर पांच वर्षीय वैश्विक गैर-प्रतिस्पर्धा, गैर-हस्तक्षेप और उनकी इस बात की सहमति के लिए है कि वह और उनके सहयोगी डियाजियो, यूएसएल व उनकी सहायक इकाइयों के खिलाफ कोई दावा नहीं करेंगे। डियाजियो ने कहा कि वह 4 करोड़ डालर का तत्काल भुगतान करेगी और बाकी राशि पांच साल के दौरान समान किस्तों में भुगतान की जाएगी। डियाजियो ने यह भी कहा कि उसने स्मिर्नऑफ की फोर्स इंडिया फार्मूला 1 टीम की स्पांसरशिप का भी विस्तार किया है। इस स्पांसरशिप का खर्च प्रति सीजन 1.5 करोड़ डालर बना रहेगा।
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