नई दिल्ली। विजय माल्या पर शिकंजा कसने के लिए बैंकों ने शायद थोड़ी देर कर दी। बैंक एक ओर जहां विजय माल्या के विदेश जाने पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने का इंतजार करते रहे, वहीं दूसरी ओर माल्या पहले ही देश छोड़कर जा चुके थे। इस बात की पुष्टि भारत के अटॉर्नी जनरल ने खुद की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई से प्राप्त सूचना के मुताबिक विजय माल्या देश छोड़कर चले गए हैं।
17 बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विजय माल्या को नोटिस जारी किया है और जवाब देने के लिए उन्हें दो हफ्ते का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लंदन स्थित भारतीय उच्च आयोग के जरिये माल्या को नोटिस उनके आधिकारिक राज्य सभा ई-मेल आईडी से देने के लिए कहा है। ये नोटिस उनके वकील और कंपनियों को भी दिया जाएगा। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या ने जो ऋण ले रखा है, उससे कहीं ज्यादा संपत्ति उनकी विदेश में है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि जब माल्या पहले ही ऋण संबंधी उल्लंघनकर्ता थे और अदालत में सुनवाई का सामना कर रहे थे तो उन्हें फिर ऋण क्यों दिया गया।
तस्वीरों में देखिए विजय माल्या की कहानी
Vijay Mallya
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सार्वजनिक क्षेत्र के 17 बैंकों के कंसोर्टियम ने मंगलवार को विजय माल्या को भारत छोड़ने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से पेश होते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जब इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की तो प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने बुधवार को सुनवाई करने के लिए निर्देश दिए। विजय माल्या पर सार्वजनिक क्षेत्र के 17 बैंकों का 9,000 करोड़ रुपए का ऋण बकाया है। माल्या ने कुछ दिन पहले ही यह कहा था कि वह अब लंदन में अपने बच्चों के साथ रहना चाहते हैं।
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