बेंगलुरु। ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने विजय माल्या मामले में भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंक समूह को सलाह दी कि वह विभिन्न अदालतों में जमा 2,000 करोड़ रुपए की वसूली के लिए मिलकर प्रयास करें ताकि उनके 9,000 करोड़ रुपए के नुकसान को कुछ कम किया जा सके।
डीआरटी के पीठासीन अधिकारी वेणाकणहल्ली ने यह सुझाव नीदरलैंड की कंपनी डियाजियो (होल्डिंग्स) और बैंकों के समूह द्वारा उनकी अर्जियों को प्राथमिक आधार पर सुने जाने संबंधी आवेदन पर दिया है। वेणाकणहल्ली ने बैंकों से कहा कि वे आपस में बैठकर इस मामले को सुलझाएं।
कोष प्रबंधकों का भारत आना सरल बनाएगा सेबी
इच्छुक विदेशी कोष प्रबंधकों के लिए अपना परिचालन भारत स्थानांतरित करने को आसान बनाने के लिए सेबी उन्हें पोर्टफोलियो प्रबंधक के रूप में काम करने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का यह कदम इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार अपना परिचालन भारत में स्थानांतरिक करने के इच्छुक विदेशी कोष प्रबंधकों के लिए कराधान प्रोत्साहनों की घोषणा पहले ही कर चुकी है।
आयकर कानून के एक नयी धारा के अनुसार भारत में स्थित तथा किसी पात्र निवेश कोष (ईआईएफ) की ओर से काम कर रहे पात्र कोष प्रबंधक (ईएफएम) की कोष प्रबंधन गतिविधियों को ऐसे कोष के भारत में व्यापार संबंध नहीं माने जाएंगे। कर विभाग ने इस बारे में अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद सेबी ने ईएफएम के पंजीकरण खाके पर विचार विमर्श के लिए विभिन्न भागीदारों के साथ चर्चा की। सेबी ने इस बारे में परामर्श प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
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