नई दिल्ली। देश में वनस्पति तेल आयात 46 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है। तेल तिलहन उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी एसईए की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबकि अगस्त में 15.86 लाख टन वनस्पति तेल का आयात हुआ, जो अक्तूबर 2015 के बाद सबसे अधिक मासिक आयात है। पिछले साल अगस्त में 15.12 लाख टन वनस्पति तेल आयात हुआ था जबकि इस साल अगस्त में आयात हुए 15.86 लाख टन वनस्पति तेल में 15.23 लाख टन खाद्य वनस्पति तेल है।
दरअसल, देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत होने जा रही है और ऐसे में वनस्पति तेल की मांग बढ़ जाती है। मांग को पूरा करने के लिए तेल आयातकों ने पहले से ही अपना स्टॉक भरना शुरू कर दिया है। जिस वजह से अगस्त के दौरान वनस्पति तेल आयात में भारी उछाल आया है।
भारत कुल जरूरत का 60% से ज्यादा खाद्य तेल विदेश से करता है आयात
अगस्त के दौरान आयात हुए कुल खाद्य तेल में 4.40 लाख टन सोयाबीन और 2.30 लाख टन सूरजमुखी तेल है और बाकी पाम ऑयल है। भारत को अपनी खाद्य तेल जरूरत को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है, देश की कुल जरूरत का 60 प्रतिशत से ज्यादा तेल विदेशों से आयात होता है जिसमें अधिकतर हिस्सा पाम ऑयल का होता है।
बन सकता है नया रिकॉर्ड
देश में 2018-19 के दौरान वनस्पति तेल आयात का नया रिकॉर्ड बन सकता है, अब तक नवंबर 2018 से लेकर अगस्त 2019 तक 128.67 लाख टन वनस्पति तेल का आयात हो चुका है। देश में वनस्पति तेल आयात का रिकॉर्ड 2016-17 के दौरान बना था जब देश में लगभग 155 लाख टन का आयात हुआ था।
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