वेदांता करेगी अगले 3 साल में 56,000 करोड़ रुपए का निवेश, इन क्षेत्रों पर कंपनी का रहेगा फोकस
धातु एवं खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता लिमिटेड अगले तीन साल में आठ अरब डॉलर (करीब 56,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी।
नई दिल्ली। धातु एवं खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता लिमिटेड अगले तीन साल में आठ अरब डॉलर (करीब 56,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इसका उपयोग वह अपने विभिन्न कारोबारों के माध्यम से विविध परियोजनाओं में करेगी। कंपनी की सालाना आम बैठक में चेयरमैन नवीन अग्रवाल ने यह घोषणा की और कहा कि अभी यहां वृद्धि की बहुत संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े तेल उत्पादक के तौर पर हमारी कंपनी घरेलू उत्पादन में 27% का योगदान करती है। हमारी योजना इसे बढ़ाकर 50% करने की है। इसके लिए हम अगले दो से तीन साल में तीन से चार अरब डॉलर का निवेश करेंगे। इसके अलावा कई अन्य वृद्धि परियोजनाएं भी हैं।’’ अग्रवाल ने बताया कि इस साल वेदांता ने जस्ता, सीसा, चांदी और एल्युमीनियम का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। कंपनी अगले दो-तीन साल में इन कारोबारों में भी तीन से चार अरब डॉलर का निवेश करेगी।
हाल में तमिलनाडु में कंपनी के तूतीकोरन स्थित संयंत्र के पास लोगों के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने संयंत्र को स्थायी तौर पर बंद कर दिया। अग्रवाल ने इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों की मौत पर दु:ख जताते हुए कहा कि कंपनी प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद मुहैया करा रही है।
तूतीकोरन में 22 मई को स्थानीय लोग संयंत्र के प्रदूषण फैलाने के चलते उसका विरोध कर रहे थे जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए गोलीबारी कर दी थी और इस घटना में 13 लोगों की जान चली गई थी। पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी की आय 22% बढ़कर 92,900 करोड़ रुपये रही। कंपनी का परिचालन लाभ भी 19% बढ़कर 25,500 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का शुद्ध लाभ 10% बढ़कर 8,200 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
अग्रवाल ने बताया कि कंपनी इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स का भी विस्तार करेगी। इसकी सालाना क्षमता 15 लाख टन से बढ़ाकर 25 लाख टन किया जाएगा। इस पर कंपनी करीब 30 से 40 करोड़ डॉलर का पूंजीगत निवेश करेगी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 2.13% बढ़कर 1,533 करोड़ रुपये रहा। जबकि उसकी कुल आय 22,624 करोड़ रुपये रही है।