नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से कारोबार कर रहे 50 कारोबारियों से एक करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं। इसका श्रेय बिल बनवाओ, ईनाम पाओ योजना को जाता है जिसे सरकार ने राजस्व संग्रह में वृद्धि के इरादे से दो महीने पहले पेश किया। वैट आयुक्त एस एस यादव ने कहा, ये 50 डीलर वे हैं जिनके टीआईएन को विभाग ने रद्द कर दिया था। इस साल जनवरी में डीवैटबिल एप्प इस साल जनवरी में पेश किया गया। इसका मकसद लोगों को अपनी खरीदारी का बिज अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया।
काम कर गई केजरीवाल की स्कीम
एस एस यादव ने कहा, खरीदारों द्वारा अपने बिल एप्प पर अपलोड करने के बाद हमारे अधिकारियों ने उसकी जांच की। हमने पाया कि जनवरी और फरवरी में 50 कारोबारी अपने रद्द टीआईएन के आधार पर कारोबार कर रहे हैं। हमने कर और जुर्माने के रूप में उनसे एक करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि व्यापार और कर विभाग को एप्प के जरिए जनवरी में 4,000 बिल मिले वहीं फरवरी में 8,339 बिल अपलोड किए गए।
बिल बनवाओ, ईनाम पाओ
विभाग मार्च में अवैध कारोबार कर रहे और व्यापारियों के पकड़े जाने की उम्मीद है क्योंकि यह योजना दिल्ली के लोगों के बीच लोकप्रिय हो चुकी है। योजना के तहत वैध एंट्री का एक फीसदी को बिल राशि का पांच गुना ईनाम के रूप में दिया जाता है। इनका चयन लकी ड्रा के जरिए किया जाता है। इससे वैट विभाग को कर चोरी करने वाले को पकड़ने में मदद मिली है।
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