नोएडा: घर के खरीदार आगामी एक मई से उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष अपनी शिकायतों की आमने-सामने की सुनवाई कर सकते हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुरूप अभी प्राधिकरण ई-अदालत के तहत शिकायतों की सुनवाई वर्चुअल तरीके से कर रहा है। रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई प्राधिकरण की 59वीं बैठक में सुनवाई की हाइब्रिड प्रणाली का फैसला किया गया।
यह बैठक राज्य में घर खरीदारों तथा बिल्डरों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बुलाई गई थी। रेरा के सचिव राजेश कुमार त्यागी ने कहा, ‘‘प्राधिकरण ने एक मई, 2021 से संबंधित पक्षों को आमने-सामने की सुनवाई का अवसर प्रदान करने का फैसला किया है। इसके लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। यदि पक्षों ने आमने-सामने की सुनवाई का विकल्प चुना है, तो बाद में उन्हें इसे बदलने की अनुमति नहीं होगी।’’
यूपी रेरा की बड़ी कार्रवाई, 11 कंपनियों पर 1.24 करोड़ रुपये का जुर्माना, 2 बिल्डर्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल
उत्तर प्रदेश रीयल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने शुक्रवार को कहा कि उसने आदेशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर 11 कंपनियों पर 1.24 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। उत्तर प्रदेश रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार की अध्यक्षता 59वीं बैठक में यह निर्णय किया गया। बयान के अनुसार जुर्माना रेरा कानून की धारा 63 के तहत लगाया गया है। यह प्रावधान तब लागू होता है जब प्रवर्तक या डेवलपर प्राधिकरण के आदेश का अनुपालन करने में विफल रहते हैं।
रेरा ने कहा, ‘‘प्राधिकरण इन प्रवर्तकों को उसके आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने और एक महीने के भीतर जुर्माने की राशि जमा करने का निर्देश देता है। ऐसा नहीं करने पर भूमि राजस्व बकाया के रूप में जुर्माने की वसूली की जाएगी।’’ एक अलग बयान में उत्तर प्रदेश रेरा ने कहा कि उसने अंसल एपीआई पॉकेट 4, सेक्टर ओ सुशांत गोल्फ सिटी परियोजना का पंजीकरण तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय किया है। परियोजना के तहत इकाइयों की बिक्री में अनियमितताएं, धोखाधड़ी वाली व्यापार गतिविधियां, कोष की हेराफेरी और पिछले नौ साल से परियोजना पर कोई काम नहीं होने समेत अन्य कारणों के आधार पर यह कदम उठाया गया है।
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