लखनऊ। देश में इथेनॉल के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में उत्तर प्रदेश का नाम पहले नंबर पर आया है। राज्य भर में स्थापित 54 डिस्टिलरी द्वारा कुल 58 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया गया है। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य ने वर्ष 2020-21 में 58 करोड़ लीटर इथेनॉल का निर्माण किया है, जो कि एक विलायक है। पर्यावरणीय उद्देश्यों के लिए अनिवार्य रूप से इसे पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है।
किसानों को बड़ी राहत देते हुए इथेनॉल की बिक्री से गन्ना किसानों के खातों में 864 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया। पेट्रोल में इथेनॉल मिलाकर उत्तर प्रदेश सरकार भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के कुल 75.58 मिलियन डॉलर की बचत करने में सक्षम रही है, जिससे कोरोना की इस मुश्किल घड़ी में अर्थव्यवस्था को काफी राहत पहुंची है।
इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल के साथ मिलाया जाता है और वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड प्रदूषण 35 फीसदी तक कम हो सकती है।
गौरतलब है कि चीनी मिलों और अन्य इकाइयों की भट्टियों ने रिकॉर्ड 1.77 करोड़ लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया था, जिसकी आपूर्ति न केवल राज्य के भीतर, बल्कि अन्य राज्यों में भी की गई थी।
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