नई दिल्ली। उपयोग किए गए सामान को खरीदना पहले बड़े संकोच की बात मानी जाती थी, लेकिन अब जिसे देखो वो पुराना ओर उपयोग किया हुआ सामान खरीद रहा है। पिछले कुछ सालों में पूरी दुनिया में सेकेंड हैंड प्रोडक्ट को खरीदने का ट्रेंड बहुत तेजी से बढ़ा है। आज उपभोक्ता कीमत के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं और वे उत्पादों की ऑनलाइन खरीद और बिक्री करने में अपने आप को ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सेकेंड हैंड प्रोडक्ट्स का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अकेले भारत में सेकेंड हैंड प्रोडक्ट्स का बाजार इस साल के अंत तक 115,000 करोड़ रुपए का होने का अनुमान है। इतने बड़े बाजार ने निवेशकों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है। एक ताजा अध्ययन के मुताबिक दुनियाभर में सेकेंड हैंड प्रोडक्ट्स के बाजार में 2014 के दौरान निवेशकों ने कुल 1.4 अरब डॉलर का निवेश किया है।
Look forward: 2020 तक 25,000 करोड़ रुपए का हो जाएगा फास्ट फूड बाजार
भारत में तेजी से बढ़ रहा है सैकेंड हैंड बाजार
औद्योगिक संगठन एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ती खर्च योग्य आय की वजह से भारत का यूज्ड गुड्स मार्केट 2015 के अंत तक 115,000 करोड़ रुपए का हो जाएगा, जो कि वर्तमान में 80,000 करोड़ रुपए का है। एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत के मुताबिक सेकेंड हैंड इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्यूरेबल्स, ऑटोमोबाइल्स, फर्नीचर और इंडस्ट्रियल मशीनरी की डिमांड पहले की तुलना में अब ज्यादा बढ़ गई है।
Second hand product market
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year wise increase in investment in second hand market
ग्लोबल सैकेंड हैंड प्रोडक्ट मार्केट में आया भारी निवेश
बिजनेस इनसाइडर में छपी ट्रेक्शन सेकेंड हैंड मार्केट रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल सैकेंड हैंड प्रोडक्ट बाजार में 2014 के दौरान 1.4 अरब डॉलर का भारी निवेश हुआ है। 2013 में इस सेक्टर में कुल 19.64 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ था। जनवरी 2015 से लेकर अब तक इस सेक्टर में दुनियाभर में 1.1 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है। सेकेंड हैंड प्रोडक्ट्स मार्केट में निवेश करने वाले टॉप इन्वेस्टर्स में एसवी एंजेल, एस्सेल पार्टनर्स, टाइगर ग्लोबल और सेक्यिओ कैपिटल प्रमुख हैं।
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