वाशिंगटन। अमेरिका ने बुधवार (15 जनवरी) को चीन के साथ पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक बताया है। करीब एक साल की बातचीत और महीनों तक वार्ता बंद रखने के बाद अंतत: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने अपने युद्ध व्यापार से आगे बढ़कर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए है।
पहले चरण के समझौते में बौद्धिक संपदा संरक्षा और प्रवर्तन, जबरन प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को खत्म करना, अमेरिकी कृषि के अभूतपूर्व विस्तार, अमेरिकी वित्तीय सेवाओं से अवरोध हटाना, मुद्रा के साथ छेड़छाड़ (जैसे अवमूल्यन आदि) खत्म करना, अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों को पुन:संतुलित करना और समस्याओं का प्रभावी समाधान निकालना शामिल है। इस समझौते पर राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के उपप्रधानमंत्री लियू हे ने हस्ताक्षर किए।
चीन ने व्यापार समझौते का उल्लंघन किया तो उसपर शुल्क बढ़ा दिए जाएंगे: न्यूचिन
दूसरी ओर अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने बुधवार को कहा कि चीन उनके देश के साथ आशिंक व्यापार समझौते के अनुसार नहीं चला तो उनका देश वहां से आने वाले माल पर आयात शुल्क बढ़ा देगा। दोनों देश करीब दो साल के व्यापारिक तकरार के बाद बुधवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। इसे द्विपक्षीय व्यापार समझौते का पहला चरण बताया जा रहा है।
न्यूचिन ने टीवी चैनल सीएनबीसी से बातचीत में कहा, 'राष्ट्रपति के पास अतिरिक्त प्रशुल्क लगाने की शक्ति है।' उनसे पूछा गया था कि अमेरिका इस समझौते को लागू कराने के लिए क्या करेगा।’’ पहले चरण के इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच करीब दो साल से छिड़ा प्रशुल्क युद्ध स्थिर होने की उम्मीद है।
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