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Hindi News पैसा बिज़नेस अमेरिकी दूरसंचार नियामक FCC ने चीन की Huawei और ZTE को सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया

अमेरिकी दूरसंचार नियामक FCC ने चीन की Huawei और ZTE को सुरक्षा के लिए खतरा घोषित किया

ऐलान के बाद चीन की कंपनियों से दूरसंचार उपकरण खरीदने के लिए नहीं मिलेगा सरकारी फंड

<p class="MsoNormal" style="background: white;"><span...- India TV Paisa Image Source : FILE huawei and ZTE declares as national security threats in US

नई दिल्ली। भारत में चीन के एप पर प्रतिबंध लगने के 24 घंटे के अंदर ही अमेरिका में भी चीनी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी दूरसंचार नियामक फेडरल कम्युनिकेशंस कमिशन यानि FCC ने चीन की Huawei Technologies और ZTE  Corp को आधिकारिक रूप से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित कर दिया है। फैसले के बाद अब अमेरिकी कंपनियां इन चीन की कंपनियों से उपकरण की खरीद के लिए 830 करोड़ डॉलर के सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी।

मंगलवार को FCC चेयरमैन ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि वो चीन की कंम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिका के अतिसंवेदनशील नेटवर्क का इस्तेमाल कर अहम कम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को जोखिम में डालने की छूट न तो दे सकते हैं और न ही छूट देंगे। वहीं FCC के कमिश्नर ने कहा कि अमेरिका के नेटवर्क में ऐसे उपकरण लगें हैं जो भरोसे के काबिल नहीं हैं, और सरकार को इन्हें बदलना चाहिए।  

मई 2019 में ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय आपदा से जुड़े एक कानून को जारी किया था, जिसके मुताबिक ऐसी सभी अमेरिकी कंपनियों पर रोक लगाई जाएगी जो नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा घोषित की जा चुकी कंपनियों के टेलीकॉम उपकरणों का इस्तेमाल करेंगी। ट्रंप सरकार ने पिछले साल ही Huawei को ब्लैकलिस्ट किया है। मई 2019 में FCC ने चीन की एक और सरकारी कंपनी को अमेरिकी में कारोबार पर रोक लगाई थी, FCC ने उस वक्त भी आशंका जताई थी कि चीन की सरकार इस कंपनी का इस्तेमाल अमेरिका सरकार की जासूसी में कर सकती है। इसके अलावा अप्रैल में कमिशन ने संकेत दिए कि वो चीन की 3 सरकारी कंपनियों के अमेरिकी कारोबार को बंद करने के आदेश दे सकती है।

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