नई दिल्ली। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कि इस हफ्ते होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कुछ उभरते बाजारों के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिन देशों के पास वाह्य झटकों से बढ़ोत्तरी को सुरक्षित रखने के लिए नीतिगत गुंजाइश कम है, वे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बुधवार को ब्याज दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
उभरते बाजारों को लिए जोखिम
रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से उभरते बाजारों के लिए अनिश्चितता की स्थिति खत्म होगी लेकिन कुछ पूंजी प्रवाह और निवेशकों के रूझान के लिहाज से विपरीत स्थिति में रहेंगे। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी ब्याज दर के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर कुछ उभरते बाजारों में नरमी का रुझान रहेगा। रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया कि ब्याज दर में बढ़ोतरी का भारत पर क्या असर होगा।
ब्राजील, रूस, तुर्की पर होगा सबसे ज्यादा असर
मूडीज ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से पहले ही उभरते एक्सचेंज बाजारों में गिरावट देखने को मिल चुकी है। ग्लोबल स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सामना उभरते बाजारों को करना पड़ेगा। सबसे अधिक प्रभावित बड़े उभरते बाजार जैसे ब्राजील, रूस, तुर्की और कुछ हद तक दक्षिण अफ्रीका होंगे। मूडीज के उपाध्यक्ष और सीनियर क्रेडिट ऑफिसर विकास हालन ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है और मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी से बिजनेस ग्रोथ को बड़ा सहारा मिलेगा।
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