नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के तेजी से गहराने की आशंका बढ़ गई है। चीन की तरफ से 128 अमेरिकी वस्तुओं पर आयात शुल्क का जबाव देते हुए अब अमेरिका ने 1300 चीनी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत की दर से आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है और इससे अमेरिका को लगभग 50 अरब डॉलर का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ने कहा कि उत्पादों की यह सूची विभिन्न एजेंसियों के बीच व्यापक आर्थिक विश्लेषण के बाद तैयार की गई है। इसमें चीन के उन उत्पादों को शामिल किया गया है जिन्हें चीन की औद्योगिक योजना से फायदा मिल रहा है। इनका अमेरिका की अर्थव्यवस्थ पर कम से कम असर होगा।
इस प्रस्तावित शुल्क में वैमानिकी, सूचना एवं दूरसंचार प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स और मशीनरी जैसे उत्पाद शामिल हैं। जिन उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया गया है उनमें 1,300 के करीब उत्पाद शामिल हैं। इन उत्पादों की सूची को सार्वजिनक तौर पर जारी कर उसपर लोगों से टिप्पणी मांगी जायेगी, आवश्यकता पड़ने पर सुनवाई भी की जायेगी। यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि का कार्यालय ऐसे उत्पादों की अंतिम सूची जारी कर देगा जिनपर अतिरिक्त शुल्क लगाया जायेगा।
चीन ने कल कहा है कि ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत के लिये उसके दरवाजे हर समय खुले हैं लेकिन यदि व्यापार युद्ध शुरू होता है तो ‘‘वह अंत तक लड़ेगा।’’ चीन की तरफ से यह बयान ऐसे समय दिया गया है जब उसने अमेरिका की ओर से इस्पात और एल्यूमीनियम पर शुल्क लगाने के जवाब में 128 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाया है। चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर करीब तीन अरब डालर का शुल्क लगाया है। इनमें मांस, फल तथा कुछ अन्य उत्पाद शामिल हैं।
अमेरिका ने चीन के साथ उसके बढ़ते व्यापार घाटे का मुद्दा एक बार फिर उठाया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वह चीन के साथ सालाना 500 अरब डालर के व्यापार घाटे को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
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