वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब उस प्रस्ताव से कदम पीछे खींचने लगे हैं जिसके तहत अमेरीकी प्रौद्योगिकी कंपनियों में चीनी निवेश और चीन को उच्च-प्रौद्योगिकी निर्यात की सीमाएं तय करने की बात है। इसके बजाय राष्ट्रपति ने कांग्रेस से मौजूदा समीक्षा प्रक्रिया को और तेज करने को कहा है। डोनाल्ड ट्रंप की यह घोषणा ऐसे समय आई है जब इस मुद्दे पर तीखी बहस हो रही है और चीनी निवेश पर प्रतिबंध को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं जिससे वित्तीय बाजारों में सप्ताह के शुरू में भारी गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका के संवेदनशील प्रौद्योगिकी उद्योग को बचाने के लिए चीनी निवेश पर तुरंत प्रतिबंध लगाने के बजाय अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वह अमेरिका में विदेशी निवेश पर गठित मौजूदा समिति के तहत चल रही विदेशी निवेश समीक्षा को विस्तार देने के लिए विधेयक पारित करने में कांग्रेस के साथ मिलकार काम करेगा।
वित्त मंत्री स्टीवन नूचिन ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि इस मामले में वित्तीय बाजारों में भारी उठापटक को देखते हुए सरकार ने अपना रुख नरम किया है। नूचिन निवेश समिति के अध्यक्ष भी हैं।
नूचिन ने चीन के समक्ष कमजोर पड़ने की रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह कमजोर अथवा मजबूत होने का सवाल है। सवाल यह है कि उचित साधन क्या है? सदन ने एकतरफा मत से यह मंजूर किया है कि समिति के अधिकार बढ़ाये जाएं। यह समिति ही यह तय करेगी कि क्या विदेशी निवेश से अमेरिका को किसी तरह का सुरक्षा खतरा है।
बहरहाल, उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के जरिये यह उपाय नहीं होता है तो प्रशासन अपने स्तर पर शक्तियों की समीक्षा करेगा और अमेरिका की संवेदनशील प्रौद्योगिकी की रक्षा करेगा।
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