न्यूयार्क। अमरीका की एक अदालत ने बेबी प्रोडक्ट बनाने वाली मशहूर मल्टीनेशनल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (जेएंडजे) पर 5.5 करोड़ डॉलर (365 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। एक महिला ने दावा किया था कि कंपनी का पाउडर इस्तेमाल करने पर उसे कैंसर हो गया था। कोर्ट ने कंपनी को उस महिला को जुर्माने की राशि को मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया है। कंपनी के टैल्कम पाउडर को लेकर यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले फरवरी में भी जेएंडजे पर 475 करोड़ का जुर्माना लगा था।
क्या है पूरा मामला, कंपनी ने क्यों बोला छूठ?
62 साल की महिला ग्लोरिया ने अपनी पिटीशन में कहा था कि वह 40 साल से हाइजीन के तौर पर जॉनसन के दो टैल्कम पाउडर- ‘बेबी पाउडर’ और ‘शॉवर टू शॉवर’ का इस्तेमाल करती आ रही हैं। 2011 में उन्हें ओवेरियन कैंसर का पता चला। डॉक्टरों ने सर्जरी की सलाह दी। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को ओवरी में टैल्कम पाउडर के अंश मिले। जबकि कंपनी इन दोनों पाउडर की मार्केटिंग ‘हाइजीन प्रोडक्ट’ के तौर पर करती थी। ग्लोरिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि कंपनी के दस्तावेजों से पता चलता है कि उसे 1970 के दशक से ही इस बात की जानकारी थी कि टेल्कम पाउडर से सेहत को नुकसान हो सकता है। लेकिन इसे छिपाया गया। कोर्ट ने महिला के दावे को सही माना और जॉनसन एंड जॉनसन पर 365 करोड़ रु. का जुर्माना लगाया।
तस्वीरों में देखिए इस पाउडर को
Johnson & Johnson
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फरवरी में भी लगा था 475 करोड़ का जुर्माना
जेएंडजे का यह कोई अकेला मामला नहीं है। एक अमेरिकी कोर्ट ने फरवरी में भी कंपनी पर 475 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। यह मामला भी ओवेरियन कैंसर का था। और इसमें जैकलीन फॉक्स नाम की महिला की मौत हो गई थी। जैकलीन 35 साल से टेल्कम पाउडर का इस्तेमाल कर रही थीं। इसके बाद भारत में भी कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई थी। भारत में बेबी पाउडर के बाजार के 50% हिस्से पर जॉनसन एंड जॉनसन का कब्जा है। एक्टिविस्ट्स की दलील है कि कंपनी ने टैल्कम पाउडर से कैंसर के खतरे की वार्निंग नहीं दी।
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