नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच छिड़ा व्यापार युद्ध इस साल वैश्विक व्यापार को प्रभावित करेगा। दोनों देश संरक्षणवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके चलते वैश्विक व्यापार प्रभावित होने की आशंका है। इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और अमेरिका के बीच जारी गतिरोध की छाया वैश्विक व्यापार पर जरूर पड़ेगी लेकिन बाकी दुनिया में मुक्त व्यापार के नए सौदे करना जारी रहेंगे, जिनमें भारत के साथ होने वाले समझौते भी शामिल होंगे।
ईआईयू ने कहा कि हमारा अनुमान है कि संरक्षणवाद बढ़ेगा लेकिन व्यापार युद्ध टल जाएगा, लेकिन इसका असर वैश्विक व्यापार वृद्धि पर पड़ेगा और यह 2019 से 2022 तक धीमी हो कर औसत 3.5 प्रतिशत वार्षिक रहेगी। डब्ल्यूटीओ के मुताबिक 2017 में वैश्विक व्यापार की वृद्धि 4.7 प्रतिशत रही और इसके 2018 में करीब 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक और राजनीतिक कारणों से एक ऐसे पूर्ण व्यापार युद्ध को टाल लिया जाएगा, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के लिए खिलाफ व्यापार में शुल्क लगाने और गैर-शुल्कीय बाधाएं खड़ी करने की कार्रवाई करते हैं और दोनों को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका को ट्रांस पैसिफिक भागीदारी (टीपीपी) से अलग करने के बाद से अमेरिका बहुपक्षीय व्यापार उदारीकरण से दूर हो गया है। चीन के पास अब वैश्विक व्यापार वार्ताओं के नियम तय करने में मदद करने का अवसर है। रिपोर्ट में मुताबिक, 2020 में अमेरिका में हल्की मंदी की संभावना है, जो आर्थिक गतिविधियों को कम कर देगी और इससे वैश्विक वृद्धि की दर भी नीचे आ जाएगी।
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