उर्जित पटेल ने आरबीआई गवर्नर का प्रभार संभाला, ब्याज दरों में कटौती का दबाव
उर्जित पटेल ने रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर के तौर पर प्रभार संभाला जो रघुराम राजन की जगह ले लिया है। तीन साल का कार्यकाल रविवार को समाप्त हो गया।
मुंबई। उर्जित पटेल ने सोमवार को रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर के तौर पर अपना पदभार संभाल लिया है। पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को समाप्त होने से पहले ही सरकार ने उर्जित पटेल का चयन नए गवर्नर के तौर पर किया था। आरबीआई ने आज जारी एक बयान में कहा कि पटेल ने चार सितंबर 2016 से प्रभार संभाला, जो जनवरी 2013 से डिप्टी गवर्नर पद पर थे। गौरतलब है कि डिप्टी गवर्नर के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर 11 जनवरी 2016 को उन्हें सेवा विस्तार दिया गया था। पटेल डिप्टी गवर्नर के तौर पर मौद्रिक नीति ढांचे में सुधार एवं मजबूती से संबंधित विशेषज्ञ समिति के भी अध्यक्ष थे।
आरबीआई ने कहा है, उन्होंने (पटेल ने) ब्रिक्स देशों के बीच अंतर-सरकार संधि और इन देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच अंतर बैंक समझौते (आईसीबीए) की प्रक्रिया में बड़ी भूमिका निभाई है। इससे इन देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच आरक्षित विदेशी मुद्रा व्यवस्था (सीआरए) और विदेशी मुद्रा की अदला-बदली की सुविधा के नियम निर्धारित किए जा सके। पटेल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भी काम कर चुके हैं। पटेल 1996-1997 के दौरान आईएमएफ से प्रतिनियुक्ति पर भारत आए थे और ऋण बाजार के विकास, बैंकिंग सुधार, पेंशन सुधार और विदेशी मुद्रा बाजार के विकास के लिए सलाहकार का कार्य किया था। वह 1998 से 2001 तक वित्त मंत्रालय के सलाहकार रहे। वहीं पटेल रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन समेत सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के कई उपक्रमों में भी काम कर चुके हैं।
डॉक्टर पटेल के नाम से चर्चित आरबीआई के नए प्रमुख केंद्र और राज्य सरकार की कई उच्च स्तरीय समितियों में भी काम कर चुके हैं। इनमें प्रत्यक्ष कर पर कार्यबल, नागर एवं रक्षा सेवा पेंशन प्रणाली समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञों के समूह, प्रधानमंत्री के बुनियादी ढांचा पर कार्यबल, दूरसंचार मामलों पर मंत्रिसमूह, नागर विमानन सुधार पर समिति और राज्य बिजली बोर्डों पर बिजली मंत्री के विशेषग्य समूह शामिल हैं। उन्होंने भारतीय वृहद्-अर्थव्यवस्था, मौद्रिक नीति, सार्वजनिक वित्त, वित्तीय क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नियामकीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में कई किताबें लिखी हैं। पटेल ने येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी, आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम फिल और लंदन विश्वविद्यालय से बीएससी किया है।