नई दिल्ली। कुछ कारखानों में मरम्मतादि का काम चलने के बीच देश का यूरिया उत्पादन मौजूदा वित्त वर्ष में 3,00,000 टन घटकर 2.41 करोड़ टन रहने का अनुमान है। उर्वरक मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, कुल यूरिया उत्पादन कम रहेगा क्योंकि कुछ कारखाने बंद हैं और उर्जा बचत के लिहाज से उनका जीर्णोद्धार किया जा रहा है और वे कुछ समय से बंद है। इसी कारण उत्पादन तीन लाख टन कम रहेगा।
वित्त वर्ष 2016 17 में देश में यूरिया का उत्पादन 2.44 करोड़ टन रहा था। अधिकारी ने कहा कि यूरिया उत्पादन में उक्त कमी अस्थायी रहेगी। देश में यूरिया का उत्पादन बीते दो साल से लगातार बढा है लेकिन यह लगभग 3.2 करोड़ टन की सालाना मांग से अब भी कम है। कुछ मांग को अब भी आयात से पूरा किया जाता है।
अधिकारियों के अनुसार यूरिया कारखानों की क्षमता का पूरी तरह उपयोग हो रहा है तथा रुग्ण इकाइयों के पुनरोद्धार का काम चल रहा है। अधिकारी ने कहा कि सरकार यूरिया की खपत घटाने की कोशिश कर रही है क्योंकि देश में इसकी कीमत अन्य मृदा पोषकों की तुलना में कम है। सरकार ने नीम के लेप वाली यूरिया की पेशकश की है और वह अगले साल से इसकी बिक्री 50 किलो के बजाय 45 किलो के थैले में करने की योजना बना रही है।
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