नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों से लगातार मात्रा और मूल्य के हिसाब से यूपीआई भुगतान प्रणाली के जरिये होने वाले लेनदेन में वृद्धि दर्ज होने के बाद मार्च में इसमें गिरावट आई है और ऐसा कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगाए गए 21 दिन के पहले चरण के देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से हुआ है।
यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आरबीआई द्वारा नियंत्रित नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित एक इंस्टैंट पेमेंट सिस्टम है। यूपीआई को आईएमपीएस इंफ्रास्ट्रक्चर पर तैयार किया गया है और यह किसी भी बैंक एकाउंट से तुरंत मनी ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करता है।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में यूपीआई लेनदेन की संख्या घटकर 124.68 करोड़ रह गई, जो इससे पहले फरवरी में 132.57 करोड़ थी। यूपीआई लेनदेन का मूल्य भी मार्च में घटकर 2.06 लाख करोड़ रुपए रहा, जो फरवरी में 2.23 लाख करोड़ रुपए था। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा 25 मार्च से देश में लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से यूपीआई के जरिये होने वाले लेनदेन पर विपरीत असर पड़ा है।
एनपीसीआई द्वारा आईएमपीएस पर जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में लेनदेन की संख्या 21.68 करोड़ रही, जो इससे पहले के माह में 24.78 करोड़ थी। इसके अलावा मार्च में मूल्य के मामले में भी गिरावट दर्ज की गई है, इस माह में कुल 2.01 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन हुए, जबकि फरवरी में इसका मूल्य 2.14 लाख करोड़ रुपए था।
आईएमपीएस रियल-टाइम फंड ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करता है, जो तुरंत, 24x7, इंटरबैंक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सर्विस की पेशकश करता है, जिसे मोबाइल, इंटरनेट, एटीएम, एसएमएस, ब्रांच और यूएसएसडी के जरिये उपयोग किया जा सकता है।
इसी समय, आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) लेनदेन का मूल्य बढ़कर 120.47 लाख करोड़ रुपए रही, जो फरवरी की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है। फरवरी में आरटीजीएस लेनदेन का कुल मूल्य 89.9 लाख करोड़ रुपए था।
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