नई दिल्ली। देश में सभी खुदरा लेनदेनों का हिसाब-किताब रखने वाले संगठन नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया(एनपीसीआई) के डिजिटल इंटीग्रेटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) पर दिसंबर 2017 में 14.55 करोड़ लेनदेन पंजीकृत हुए हैं। एनपीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि दिसंबर 2017 में इन लेनदेनों का मूल्य भी बढ़ा है। यह 13,144 करोड़ रुपये रहा है जो जनवरी 2017 में मात्र 1,568 करोड़ रुपये था। यूपीआई पर लेनदेन की संख्या में वृद्धि जुलाई के बाद से देखी गई है। उस समय यह मात्र 1.14 करोड़ ही थी।
इसके बाद सितंबर और अक्तूबर में मासिक आधार पर इसमें 100% की वृद्धि दर्ज की गई। बाद में नवंबर और दिसंबर में यह 40% के नीचे ही रही। अधिकारी ने कहा कि एपीसीआई द्वारा प्रबंधित यूपीआई एप ‘भीम’ (भारत इंटरफेस फॉर मनी) पर केवल 90 लाख लेनदेन ही हुए हैं। भीम के डाउनलोड को बढ़ाने के लिए रिफरल प्रसार अभियान भी चलाया जा रहा है जिसमें 25 रुपये के कैशबैक का ऑफर दिया जा रहा है।
एनपीसीआई के यूपीआई मंच का उपयोग बैंक और वित्तीय संस्थान भी कर सकते हैं। इसके माध्यम से वह बिना बैंक की जानकारी साझा किए सीधे डिजिटल भुगतान की सेवा दे सकते हैं। दिसंबर 2017 तक एनपीसीआई के यूपीआई मंच से जुड़े बैंकों की कुल संख्या 67 हो गई। यूपीआई, बैंक ग्राहकों को कई बैंक खातों को लिंक करने की भी सुविधा देती है।
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