लखनऊ। उत्तर प्रदेश बिजली नियामक आयोग ने खर्च में बढोतरी और राजस्व में कमी की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को राज्य में बिजली की दरों में 12 प्रतिशत तक बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि आयोग ने नियामक सरचार्ज (राज्य की वितरण कंपनियों के लिए 4.28 प्रतिशत) समाप्त कर दिया है। इस हिसाब से घरेलू, औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के लिए दरों में बढ़ोतरी होगी।
नई बिजली दरें सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी करने की तारीख से लागू हो जाएंगी। बसपा अध्यक्ष मायावती ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढ़ेगा व उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा।
विज्ञप्ति में कहा गया कि घरेलू मीटर श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए आठ से 12 प्रतिशत के बीच बढ़ोतरी होगी। इसी प्रकार औद्योगिक (भारी) उपभोक्ताओं के लिए पांच से दस प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। विज्ञप्ति के मुताबिक कृषि क्षेत्र के मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए शहरी क्षेत्र में नौ प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। बिना मीटर के कनेक्शन रोकने और बिना मीटर के कनेक्शन को मीटर वाले कनेक्शन में तब्दील करने के लिए बिना मीटर वाले घरेलू कनेक्शन के लिए दरें बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई है।
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