लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के घरों में चीनी स्मार्ट मीटर न लगाने का फैसला किया है। राज्य सरकार के इस फैसले से चीन की कंपनी को दिया गया ठेका रद्द किया जाएगा,जिससे उसे बड़ा नुकसान होगा। उप्र पावर कॉरपोरेशन ने बताया कि चीनी कंपनी हेक्सिंग, जो कि कुछ देशों में ब्लैक लिस्टेड कंपनी है, ने इस टेंडर को लेने के लिए इंडोनेशिया में कंपनी को दूसरे नाम से रजिस्टर्ड किया और टेंडर हासिल किया। फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद उप्र पावर कॉरपोरेशन ने यह ठेका रद्द करने का फैसला लिया है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मिलकर इंडोनेशिया आधारित चीनी कंपनी द्वारा आपूर्ति किए गए बिजली के मीटर लगाने पर आपत्ति जताई थी।
उन्होंने केंद्र सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) द्वारा खरीदे गए मीटर वापस करने तथा ऑर्डर रद्द करने की मांग भी की थी। इस मामले में ऊर्जा मंत्री ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद ये बड़ा फैसला लिया गया।
उल्लेखनीय है कि पीटी हेक्सिंग कंपनी के 8000 चीनी स्मार्ट मीटर लखनऊ पहुंच चुके थे लेकिन अब यह मीटर्स उपभोक्ताओं के यहां न लगाने के निर्देश जारी किया गया है। भारत और चीन के बीच सीमा पर हुए विवाद के बाद इसे उप्र सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है। इसके अलावा ऊर्जा विभाग ट्रांसमिशन और उत्पादन के साथ ही किसी भी काम के लिए चीन में निर्मित उपकरण का इस्तेमाल नहीं करेगा। इतना ही नहीं एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा उत्तर प्रदेश के लिए मुहैया कराए गए और इंडोनेशिया से खरीदे गए स्मार्ट मीटर को भी उपभोक्ताओं के घरों पर लगाने पर रोक लगा दी है। इन मीटर की सप्लाई करने वाली इंडोनेशिया की कंपनी मूलत: चीन की बताई जा रही है।
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