लखनऊ। उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के मकान किराये भत्ते और नगर प्रतिकर भत्ते की दरों को दोगुना करने के प्रस्ताव पर आज मुहर लगा दी। इस बढ़ोत्तरी से राजकोष पर 2,398 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मकान किराए भत्ते की एक दिसंबर 2008 से लागू दरों को पिछली एक जुलाई से दोगुना करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि मकान किराया भत्ता के संबंध में वेतन समिति की सिफारिशों को वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार लागू किए जाने से राज्य कर्मचारी, राजकीय अथवा सहायता प्राप्त विद्यालयों और प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी लाभान्वित होंगे। ऐसे स्थानीय निकाय, स्वशासी संस्थाओं तथा सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों के कार्मिक भी लाभान्वित होंगे, जिनमें पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स लागू किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस निर्णय के दायरे में प्रदेश के 8.52 लाख राज्य कर्मचारी, 5.50 लाख शिक्षक एवं एक लाख शिक्षणेत्तर कर्मचारियों समेत कुल 15.02 लाख कर्मचारी आएंगे। मकान किराया भत्ता को दोगुना किए जाने के निर्णय से राजकोष पर 2,223 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा। मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकारी कर्मियों को मिलने वाले नगर प्रतिकर भत्ते की दरों को भी दोगुना करने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि वेतन समिति (2016) ने सातवें प्रतिवेदन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के भत्तों एवं सुविधाओं के संबंध में संस्तुतियां दी हैं। वेतन समिति की सिफारिशों के अनुसार नगर प्रतिकर भत्ता मान्य करने के लिए नगरों का वर्गीकरण पहले की ही तरह रखा गया है। जनगणना 2011 के अनुसार जो नगर एक लाख या उससे ज्यादा आबादी के हैं, उनमें भी नगर प्रतिकर भत्ता दिया जाएगा। वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार नगर प्रतिकर भत्ते के संबंध में इन संस्तुतियों को लागू किए जाने से 175 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा।
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