नोएडा में सुपरटेक के दो टावर गिराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी नोएडा अथॉरिटी में जारी अनियमितताओं पर सख्त रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुपरटेक एमरल्ड ट्विन टावर को मंजूरी देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार नोएडा में सुपरटेक द्वारा बनाए गए ट्विन टावरों के निर्माण में कथित अनियमितता के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उच्चतम न्यायालय ने कल दोनों 40-मंजिला टावर को गिराने का आदेश दिया था।
बता दें कि अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी पर कई तल्ख टिप्पणियां कीं। अदालत ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और सुपरटेक की मिलीभगत से यह निर्माण हुआ। उच्चतम न्यायालय ने सुपरटेक के 40 मंजिला दो टावरों को नोएडा प्राधिकरण की निगरानी में तीन माह के भीतर तोड़ने के निर्देश दिए।
बेंच ने कहा कि हाल ही में यह देखा गया है कि मेट्रोपोलिटन एरिया में प्लानिंग अथॉरिटी के साथ सांठगांठ कर अवैध निर्माण किया जा रहा है जिस पर कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। नोएडा मुख्यालय वाली सुपरटेक ने दिल्ली-एनसीआर में कई रियल एस्टेट परियोजनाओं को विकसित किया है।
मंगलवार को हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सुपरटेक के, 915 फ्लैट और दुकानों वाले 40 मंजिला दो टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण के साथ सांठगांठ कर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी खरीदारों को 12 फीसदी ब्याज के साथ रकम लौटाने का आदेश दिया है। सुपरटेक के दोनों टावरों में 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाए जाने थे। 32 फ्लोर का कंस्ट्रक्शन पूरा हो चुका था जब एमराल्ड कोर्ट हाउजिंग सोसायटी के बाशिंदों की याचिका पर टावर ढहाने का आदेश आया। 633 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे जिनमें से 248 रिफंड ले चुके हैं, 133 दूसरे प्रॉजेक्ट्स में शिफ्ट हो गए, लेकिन 252 ने अब भी निवेश कर रखा है।
SC ऑर्डर के खिलाफ सुपरटेक दायर करेगी रिव्यू पिटीशन
सुपरटेक लिमिटेड (Supertech) ने मंगलवार को कहा कि वह नोएडा में कंपनी के 40 मंजिला ट्वीन टॉवर्स को गिराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डिंग नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में सुपरटेक के ट्वीन टॉवर्स को तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश मंगलवार को ही सुनाया है। सुपरटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित अरोरा ने कहा कि कंपनी सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करेगी। 40 मंजिला टॉवर्स कंपनी के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जो उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित हैं।
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