केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी 10 सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी, NRI खरीद सकेंगे Air India में 100% हिस्सेदारी
मंत्रीमंडल ने कंपनी कानून में भी बदलाव को मंजूरी दी है, जिसके तहत 40 कानूनों को आपराधिक दर्जा से बाहर किया जाएगा।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों में कंपनी कानून में संशोधन, 10 सरकारी बैंकों का आपस में विलय कर चार बड़े बैंक बनाने और एयर इंडिया के विनिवेश के लिए एफडीआई नीति में बदलाव जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि मंजूरी मिलने के बाद पीएसयू बैंकों का विलय एक अप्रैल से प्रभावी होगा।
बैकिंग क्षेत्र में अबतक की सबसे बड़ी विलय योजना के तहत सरकार ने अगस्त 2019 में सरकारी बैंकों की संख्या घटाने के लिए 10 बैंकों का आपस में विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी। 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या देश में 27 थी, जो अब घटकर 12 रह जाएगी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ ओबीसी और यूनाइटेड बैंक का विलय करने की घोषणा की है। इसके अलावा केनरा बैंक और सिंडीकेट का विलय किया जाएगा। यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का आपस में विलय होगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिविल एविएशन सेक्टर में विदेशी निवेश के नियमों में भी ढील देने का फैसला किया है। नए नियमों के तहत अब प्रवासी भारतीय (एनआरआई) एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। मंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतियों, जो भारतीय नागरिक हैं, को एयर इंडिया की रणनीतिक बिक्री में भाग लेने की अनुमति होगी। इससे पहले, उन्हें केवल 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की ही मंजूरी थी। अब वे 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। जावड़ेकर ने कहा कि एनआरआई को 100 प्रतिशत निवेश की अनुमति देना पर्याप्त स्वामित्व और प्रभावी नियंत्रण (एसओईसी) नियमों का उल्लंघन नहीं होगा। एनआरआई निवेश को घरेलू निवेश माना जाएगा।
मंत्रिमंडल ने कंपनी कानून, 2013 में 72 बदलावों के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन बदलावों के जरिये कई प्रकार की गड़बड़ियों को संज्ञेय अपराध की श्रेणी से हटाने की योजना है। इस बदलाव के बाद अब घरेलू कंपनियां विदेश में लिस्ट हो पाएंगी।