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Hindi News पैसा बिज़नेस सरकार ने 2019-20 के लिए गन्‍ने का FRP 275 रु/क्विंटल पर रखा कायम, 40 लाख टन चीनी बफर स्‍टॉक बनाने को दी मंजूरी

सरकार ने 2019-20 के लिए गन्‍ने का FRP 275 रु/क्विंटल पर रखा कायम, 40 लाख टन चीनी बफर स्‍टॉक बनाने को दी मंजूरी

बेसिक रिकवरी 10 प्रतिशत के अलावा प्रत्येक 0.1 प्रतिशत अतिरिक्त रिकवरी के लिए 2.75 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किसानों को किया जाएगा।

Fair and Remunerative Price of sugarcane- India TV Paisa Image Source : FAIR AND REMUNERATIVE PRI Fair and Remunerative Price of sugarcane

नई दिल्‍ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर वर्ष 2019-20 के लिए चीनी मिलों द्वारा देय गन्‍ने के उचित एवं लाभकारी मूल्‍य को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 प्रतिशत बेसिक रिकवरी दर के लिए गन्‍ने का एफआरपी 275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। राज्य सरकारें इसके ऊपर गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य भी घोषित कर सकती हैं। 

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने 2019-20 (अगस्त-जुलाई) के दौरान 40 लाख टन चीनी का बफर स्‍टॉक सृजित करने को भी मंजूरी दी है।  एफआरपी (उचित एवं लाभकारी मूल्‍य) वह न्यूनतम मूल्य है, जिसपर चीनी मिलों को गन्‍ना किसानों को भुगतान करना होता है। कृषि लागत उवं मूल्य आयोग वह सांविधिक निकाय है जो सरकार को प्रमुख खाद्य उत्पादों के लिए मूल्य नीति के बारे में परामर्श देती है।

Fair and Remunerative Price of sugarcane

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि बेसिक रिकवरी 10 प्रतिशत के अलावा प्रत्‍येक 0.1 प्रतिशत अतिरिक्‍त रिकवरी के लिए 2.75 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान चीनी मिलों द्वारा किसानों को किया जाएगा। इसी प्रकार बेसिक रिकवरी दर 10 प्रतिशत से कम रिकवरी पर प्रत्‍येक 0.1 प्रतिशत कम रिकवरी पर 2.75 रुपए प्रति क्विंटल कम दाम मिलेगा। मंत्रिमंडल ने 9.5 प्रतिशत और इससे कम रिकवरी पर मिलों के लिए गन्‍ने का उचित एवं लाभकारी मूल्‍य 261.25 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।

बनाया जाएगा 40 लाख टन का बफर स्टॉक

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 40 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की मंजूरी दी। चीनी के बंपर उत्पादन के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। इससे चीनी मिलों को गन्ना किसानों का 15,000 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी।  मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बुधवार को यहां हुई बैठक में खाद्य मंत्रालय के चीनी का 40 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने की मंजूरी दी गई। 
अगस्त, 2018 में केंद्र ने चीनी का 30 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया था, जिससे सरकार पर 1,175 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा था। यह कदम चीनी मिलों की नकदी की स्थिति सुधारने, गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान में मदद और घरेलू स्तर पर चीनी कीमतों को स्थिर करने के लिए उठाया गया था। 

देश का चीनी उत्पादन 2018-19 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 3.29 करोड़ टन रहने का अनुमान है। चीनी की घरेलू मांग 2.6 करोड़ टन रहने की संभावना है। चीनी उद्योग के संगठन इस्मा के अनुसार, एक अक्टूबर, 2019 को नया चीनी सत्र शुरू होने के समय पुरानी चीनी का भंडार अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 1.45 करोड़ टन पर रहने की उम्मीद है। सामान्य तौर पर उस समय 50 लाख टन के स्‍टॉक की जरूरत होती है।

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